Ranchi: बड़ा तालाब स्थित अग्रसेन भवन के सभागार में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का समापन गुरुवार को श्रद्धा और भक्ति के वातावरण में हुआ. मुख्य यजमान मति लता देवी केडिया, ओमप्रकाश केडिया, निरंजन केडिया, अजय केडिया, संजय केडिया तथा परिवारजनों द्वारा श्रीमद्भागवत एवं व्यास पूजन विधिपूर्वक किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हुआ.
कथा वाचक श्रीकांत जी का स्वागत
व्यास पीठ पर विराजमान पूज्य कथा वाचक श्रीकांत जी का मुख्य यजमान ओमप्रकाश केडिया एवं उनकी धर्मपत्नी द्वारा चंदन व माल्यार्पण कर अभिनंदन किया गया.जो भगवान को स्वीकार करता है, वह उनका हो जाता है
कथा के दौरान श्रीकांत जी ने कहा कि जो भी व्यक्ति भगवान की शरण में आता है, उसका सदैव कल्याण होता है. भगवान अपने भक्तों के दुख हर लेते हैं. जिसने भी भगवान को हृदय से स्वीकार किया, भगवान ने भी उसे अपनाया और समाज में उसे सम्मान दिलाया.
उन्होंने आगे कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने भी 16,100 त्यक्त कन्याओं को अपनाकर उन्हें समाज में प्रतिष्ठा दिलाई. यह संदेश देता है कि जिन्हें संसार स्वीकार नहीं करता, उन्हें भगवान अपनाते हैं. भगवान राम और श्रीकृष्ण दोनों ने नारियों के सम्मान की रक्षा की है.
भक्ति और सत्य का मार्ग अमर है
श्री शर्मा ने अपने प्रवचन में कहा कि पंचतत्व से बना यह शरीर एक दिन मिट्टी में मिल जाएगा, किंतु भक्ति और सत्य का मार्ग अमर है. उन्होंने कहा, "सत्य से डरना नहीं चाहिए, क्योंकि संसार तो आलोचना करता ही रहेगा. उन्होंने श्रोताओं से आग्रह किया कि वे सत्संग, सेवा और भगवान की भक्ति में निरंतर लगे रहें.
उपस्थित श्रद्धालु
इस अवसर पर ओमप्रकाश केडिया, निरंजन केडिया, अजय केडिया, संजय केडिया, निर्मल बुधिया, प्रमोद सारस्वत, पवन मंत्री, श्रवण जालान, पवन शर्मा, गौरव अग्रवाल सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित थे.