- -पालकी में निकाली गई भगवान श्री लक्ष्मी वेंकटेश्वर
- -दक्षिण भारत से पारंपरिक वाद्ययंत्रों की टोली बुलाई गई
Basant Munda
Ranchi : पहाड़ी मंदिर स्थित श्री लक्ष्मी वेंकटेश्वर मंदिर में चल रहे अष्ठादश वार्षिकोत्सव सह कल्याणोत्सव समारोह के दूसरे दिन श्रद्धा और भव्यता का अद्भुत संगम देखने को मिला. भगवान श्री विष्णु, लक्ष्मी माता और भूमि माता को पालकी में बिठाया गया.
इसके बाद नगर भ्रमण के लिए भव्य जुलूस निकाला गया, जो गौशाला, शनिमंदिर, अपर बाजार, शहीद चौक, रातु रोड होते हुए मंदिर परिसर पहुंचे. इस दौरान सभी चौक चौराहो पर श्रद्धालुओं का स्वागत हुआ. जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए.
मंदिर का मुख्य द्वार आकर्षक सजावट से जगमगा उठा. रंग-बिरंगी लरी लाइटों से मुख्य मंदिर को सजाया गया है, समारोह को विशेष बनाने के लिए दक्षिण भारत से पारंपरिक वाद्ययंत्रों की टोली बुलाई गई है, जो पूजा-पाठ और धार्मिक विधियों का संचालन पारंपरिक शैली में कर रही है. इन वाद्ययंत्रों की स्वर लहरियों ने मंदिर परिसर को श्रद्धा से भर दिया.
वृंदावन के प्रतिष्ठित वेदांत दैशिक आश्रय ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी अनिरुद्धाचार्य जी महाराज ने बताया कि यह मंदिर एक महान संकल्प का प्रतिफल है. उन्होंने बताया कि एक सेवक ने वृंदावन से आकर यहां कठोर साधना की. उसी साधना से प्रेरित होकर उनके मन में एक दिव्य संकल्प जागा, और उसी संकल्प के फलस्वरूप इस मंदिर का निर्माण हुआ. यह मंदिर भगवान वेंकटेश्वर, माता लक्ष्मी और भू देवी की भव्य मूर्तियों से सुशोभित है.
मंदिर के मुख्य द्वार पर जय और विजय जैसे दिव्य द्वारपाल विराजमान हैं, दाईं ओर हनुमान जी और बाईं ओर गरुड़ महाराज की प्रतिमा स्थापित है. जो सदैव भगवान की सेवा में तत्पर रहते हैं. यही कारण है कि इसे भगवान की नित्य पाठशाला कहा जाता है. यहां प्रतिदिन पूजा-पाठ होती है.
जो भी श्रद्धालु श्रद्धा और विश्वास से इस मंदिर में आते हैं, उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उन्हें उनकी भावना के अनुसार फल की सिद्धि प्राप्त होती है. रविवार को मंदिर परिसर में वार्षिकोत्सव का आयोजन किया जाएगा. इस अवसर पर भगवान वेंकटेश्वर का विवाह देवी पद्मा से श्रद्धा और उल्लास के साथ संपन्न होगा.