अरगोड़ा में दिनदहाड़े फ्लैट का ताला तोड़कर 10 लाख के जेवर की चोरी, जांच जारी)
दूसरे स्कूलों में नामांकित मिले 113 बच्चे, फिर भी ड्रापआउट चिह्नित
बताया जा रहा है कि ड्रापआउट में से कई बच्चों ने दूसरे स्कूल में दाखिला कर लिया है. फिर भी वह ड्रॉपआउट में गिने जा रहे हैं. जिले में ऐसे 113 बच्चे मिले हैं. झारखंड शिक्षा परियोजना के आंकड़े के अनुसार, 201 बच्चे ही स्कूल से बाहर मिले हैं. इनमें कटकमसांडी में दो, विष्णुगढ़ में 12, बरही में 13, पदमा में एक, इचाक में नौ, हजारीबाग शहर में 10 और डाड़ी में 32 बच्चे मिले हैं.जिस स्कूल में बच्चों का नामांकन, वहां नहीं आते हैं नौनिहाल
बैक टू स्कूल कैंपेन में लगे एक प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक ने बताया कि कई ऐसे बच्चे पाये गये हैं, जहां उनका नामांकन है, वहां वह स्कूल नहीं आते हैं. उनके अभिभावक का कहना है कि उनका बच्चा नानीघर चला गया है और वहीं के स्कूल में पढ़ रहा है. ऐसे में पहले वाले स्कूल में नामांकित होने के बाद भी वह स्कूल नहीं आ रहा. अभिभावकों को चाहिए कि ऐसे बच्चों की जानकारी पहले स्कूल में नामांकित शिक्षकों को दें. शिशु गणना पंजी में बच्चों की पूरी जानकारी दर्ज रहती है. एक अन्य शिक्षक का कहना है कि आज की तिथि में कोई अभिभावक नहीं चाहता कि उनका बच्चा पढ़ाई छोड़ बालश्रम करे. ऐसे बच्चे नहीं के बराबर मिल रहे, जिन्हें काम की बदौलत स्कूल नहीं जाने दिया जा रहा है. इसे भी पढ़ें : BREAKING">https://lagatar.in/ed-will-interrogate-ca-neeraj-mittal-ram-prakash-and-tara-chand-for-5-days-court-gives-permission/">BREAKING: CA नीरज मित्तल, राम प्रकाश व तारा चंद से 5 दिन तक पूछताछ करेगी ED, कोर्ट ने दी इजाजत
ड्रॉपआउट बच्चों को कराया जायेगा ब्रिज कोर्स
झारखंड शिक्षा परियोजना से मिली जानकारी के अनुसार, ड्रॉपआउट बच्चों को ब्रिज कोर्स कराया जायेगा. उनकी उम्रसीमा के अनुसार उनका नामांकन संबंधित कक्षाओं में कर उनकी पिछली पढ़ाई ब्रिज कोर्स के माध्यम से अतिरिक्त कक्षाएं संचालित कर पूरी की जायेंगी. अभी हजारीबाग जिला समेत राज्यभर में ड्रॉपआउट या अनामांकित बच्चों के लिए बैक टू कैंपेन स्कूल रुआर कार्यक्रम चल रहा है. रुआर संथाली शब्द है, जिसे वापस यानी लौटना कहते हैं. यह अभियान 22 जून से शुरू हुआ है, जो 15 जुलाई तक चलेगा.समाज के हर वर्ग के लोगों से सहयोग की अपील
बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए चलाये जा रहे बैक टू स्कूल कैंपेन में समाज के हर वर्ग के लोगों से सहयोग की अपील की जा रही है. इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधि, बच्चों के अभिभावकों, शिक्षाविदों, समाजसेवियों आदि की अहम भूमिका मानी जा रही है. डीइओ उपेंद्र नारायण का कहना है कि सामूहिक प्रयास से ही बच्चों के ड्रॉपआउट का आंकड़ा शून्य हो सकता है. इसे भी पढ़ें : पलामू">https://lagatar.in/palamu-three-naxalites-arrested-in-levy-and-arson-case-indigenous-katta-and-pamphlet-recovered/">पलामू: लेवी और आगजनी मामले में तीन नक्सली गिरफ्तार, देसी कट्टा और पर्चा बरामद [wpse_comments_template]
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