Ranchi: ट्रेसलेस हुए हजारीबाग जेल अधीक्षक जितेंद्र सिंह का कोई पता नहीं चला है. उनको खोजने में कारा विभाग के अफसर जुटे हुए हैं. उल्लेखनीय है कि हजारीबाग जेल अधीक्षक जितेंद्र सिंह से सीनियर अधिकारियों का संपर्क नहीं हो पाने के कारण मादेव प्रिया को जेल अधीक्षक का अतिरिक्त चार्ज (अतिरिक्त प्रभार) सौंपा गया है.
यह कार्रवाई हजारीबाग में हुए भूमि घोटाले में शामिल आरोपी विनय सिंह के मददगारों के खिलाफ चल रही कार्रवाई की कड़ी के रूप में देखी जा रही है, जिसने जेल प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है.
जेल में आईफोन 15 और VIP ट्रीटमेंट पर उठे सवाल
प्रशासन के भीतर सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर जेल के भीतर भूमि घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक विनय कुमार सिंह को किसने और कैसे मदद पहुंचाई? अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि जेल के भीतर तक आईफोन 15 जैसा महंगा फोन कैसे पहुंचा और किसकी मदद से विनय सिंह को पहले 'फैक्ट्री वार्ड' में रखा गया, फिर अस्पताल और अंततः'अंडा सेल' तक पहुंचने की नौबत आई.
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