Ranchi: झारखंड में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के अंतर्गत मृत लाभुकों के नाम पर वर्षों से राशन उठाए जाने का मामला सामने आया है. राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत 59 लाख 71 हजार 211 परिवारों को अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे लगभग 2 करोड़ 60 लाख 95 हजार 355 लोग लाभान्वित हो रहे हैं.
लेकिन जांच में सामने आया है कि इनमें कई ऐसे लाभुक भी हैं, जिनकी मृत्यु पिछले पांच से छह वर्षों के दौरान हो चुकी है, फिर भी उनके नाम पर राशन की आपूर्ति होती रही.
केंद्र के निर्देश पर सक्रिय हुई राज्य सरकार
केंद्र सरकार ने झारखंड सरकार को पत्र लिखकर सभी अयोग्य और मृत लाभुकों के नाम हटाने के निर्देश दिए थे. यह पत्र राष्ट्रीय सांख्यिकी विभाग (NSO) के आंकड़ों के आधार पर भेजा गया था, जिसमें हाल के वर्षों में जारी मृत्युप्रमाण पत्रों के आंकड़े शामिल थे.
6.12 लाख मृत लाभुकों के नाम हटाए गए राशन कार्ड से
केंद्र के निर्देशों के बाद झारखंड सरकार ने सभी जिलों में जांच शुरू की. मिलान प्रक्रिया में पाया गया कि 6 लाख 12 हजार से अधिक मृत लाभार्थियों के नाम अब भी राशन कार्ड की सूची में सक्रिय थे. इसके बाद इन सभी के नाम 18 सितंबर 2025 तक सूची से हटा दिए गए.
विभागीय सूत्रों के अनुसार, मृत व्यक्तियों के नाम पर बायोमेट्रिक सत्यापन प्रणाली (e-POS मशीन) की कमी और निगरानी तंत्र की कमजोरियों के कारण वर्षों तक राशन उठाया जाता रहा.
संख्या और बढ़ने की संभावना
खाद्य आपूर्ति विभाग ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि मृत या अयोग्य लाभुकों की फिलहाल जारी जांच रिपोर्ट जल्द जमा करें. अधिकारियों का मानना है कि मृत लाभुकों की वास्तविक संख्या 6.12 लाख से अधिक हो सकती है.
राज्य सरकार अब पीडीएस प्रणाली को पूरी तरह आधार आधारित और पारदर्शी बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है ताकि भविष्य में इस तरह की गड़बड़ी की संभावना न रहे.
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