Hazaribagh : सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) की हजारीबाग के केरेडारी स्थित चंद्रगुप्त ओपन कास्ट कोल परियोजना में बड़े पैमाने पर जमीन के रिकॉर्ड में अनियमितता और धोखाधड़ी का मामला सामने आया है.
इसके बाद सरकार ने हजारीबाग जिले के डीसी और हजारीबाग पश्चिमी डीएफओ से वस्तुस्थिति और मंतव्य का मांग किया है. यह पूरा मामला परियोजना के लिए अधिग्रहित की जा रही 417 एकड़ जमीन से जुड़ा है.
यह आरोप है कि जमीन के रिकॉर्ड गायब, अपठनीय (अस्पष्ट) और जीर्ण-शीर्ण अवस्था में होने का कारण बताते हुए अधिकारियों ने जानबूझकर फॉर्म 1का गठन किया.
फॉर्म 1 का गठन आमतौर पर भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया का एक प्रारंभिक चरण होता है, लेकिन ऐसी स्थिति में इसका इस्तेमाल कथित तौर पर भूमि मालिकों को गुमराह करने या मुआवजे की प्रक्रिया में हेराफेरी करने के लिए किया गया. मंटू सोनी उर्फ शनि कांत नामक व्यक्ति ने इस मामले में धोखाधड़ी और अनियमितता की शिकायत दर्ज कराई थी.
शिकायत के आधार पर सीआईडी ने मामले की जांच शुरू की और पाया कि आरोपों में सच्चाई है. सीआईडी ने इस साल जुलाई महीने में ही अपनी जांच पूरी कर ली थी और कार्रवाई की अनुशंसा के साथ जांच रिपोर्ट गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग को सौंप दी थी.
सीआईडी की अनुशंसा के बाद, गृह विभाग ने मामले की गंभीरता को समझते हुए 25 नवंबर को राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग से इस संबंध में मंतव्य और वस्तुस्थिति मांगी थी.
राजस्व विभाग से मंतव्य मिलने के बाद, दिसंबर महीने में गृह विभाग ने आगे की कार्रवाई करते हुए हजारीबाग जिले के डीसी और डीएफओ हजारीबाग पश्चिमी वन प्रमंडल से भी मामले की वस्तुस्थिति और मंतव्य मांगा है.
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