Hazaribagh : हजारीबाग स्थित पैराडाइज रिसॉर्ट में आयोजित पंचतत्व सेवा संगठन के वार्षिकोत्सव समारोह को संबोधित कर राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि परोपकार से बड़ा कोई पुनीत कार्य नहीं है. समाजसेवा जीवन का सर्वोच्च धर्म है और जरूरतमंदों की सहायता करना सच्चे मानवीय मूल्यों का प्रतीक है.
राज्यपाल ने कहा कि संस्था द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज कल्याण के क्षेत्र में किए जा रहे कार्य सराहनीय हैं. उन्होंने निःशुल्क चिकित्सा शिविरों और आर्थिक रूप से कमजोर एवं मेधावी विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसे प्रयास समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सहायक हैं.
राज्यपाल ने कहा कि भारत की संस्कृति सेवा, समर्पण और करुणा पर आधारित है. उन्होंने आयुर्वेद को भारत की प्राचीन और अमूल्य विरासत बताते हुए कहा कि यह केवल उपचार की पद्धति नहीं, बल्कि संतुलित और स्वस्थ जीवन का समग्र दर्शन है.
राज्यपाल श्री गंगवार ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को सशक्त बनाने के लिए कई ठोस कदम उठाए गए हैं. केंद्र में स्वतंत्र आयुष मंत्रालय की स्थापना और अनुसंधान को बढ़ावा देने से वैश्विक स्तर पर आयुर्वेद की स्वीकार्यता में वृद्धि हुई है.
कार्यक्रम के अंत में राज्यपाल ने पंचतत्व सेवा संगठन के पदाधिकारियों, सदस्यों और सहयोगियों को शुभकामनाएं देते हुए आशा व्यक्त की कि संस्था आगे भी समाज के कल्याण में अपनी सक्रिय भूमिका निभाती रहेगी.



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