Ranchi/Latehar : वर्ष 2022 में टाना भगतों द्वारा लातेहार सिविल कोर्ट में किए गए प्रदर्शन और उन पर हुए पुलिस लाठीचार्ज मामले पर स्वतः संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. गुरुवार की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस की बेंच ने सरकार से सख्त लहजे में पूछा कि कि ऐसी घटना दोबारा ना हो, इसके लिए क्या इंतजाम किए गए हैं. साथ ही कोर्ट ने सरकार को 7 अगस्त तक इस मामले में विस्तृत अद्यतन स्थिति रिपोर्ट (अपटूडेट स्टेटस रिपोर्ट) दाखिल करने का निर्देश दिया है.
जानें क्या है मामला
दरअसल टाना भगत संघ ने वर्ष 2022 में लातेहार व्यवहार न्यायालय का घेराव किया था. संघ के लोगों ने संविधान की पांचवीं अनुसूची का हवाला देते हुए कोर्ट-कचहरी बंद करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था. इस दौरान टाना भगतों ने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश समेत पूरे न्यायालय परिसर को 4 घंटे तक घेरे रखा था. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था.
अधिकारियों ने टाना भगतों को काफी समझाने की कोशिश की. लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं माने और तोड़फोड़ शुरू कर दी. जिसके बाद स्थिति को संभालने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े. इसमें अफसर इंचार्ज समेत कई अधिकारी और कई आंदोलनकारी भी घायल हुए थे.
देश की पहली घटना जब न्यायपालिका को आंदोलन का सामना करना पड़ा
यह देश की पहली घटना थी, जब न्यायपालिका को आंदोलन का सामना करना पड़ा. अब हाईकोर्ट इस पर सख्ती दिखाते हुए सरकार से यह जानना चाहता है कि ऐसी स्थिति दोबारा न हो, इसके लिए क्या सुरक्षा उपाय किए गए हैं. हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीर संवैधानिक और प्रशासनिक मसला माना है. अगली सुनवाई 7 अगस्त 2025 को होगी.
                
                                        

                                        
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