Ranchi: झारखंड सरकार द्वारा बनायी गयी DGP नियुक्ति नियमावली की वैधता पर अब बाद में सुनवाई होगी. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत इस मुद्दे को मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई, न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायाधीश के विनोद चंद्रन की पीठ मे सूचीबद्ध किया गया था.
पहले संवैधानिक पीठ में न्यायिक सेवा के अधिकारियों को हाईकोर्ट जज में प्रोन्नति के मामले की सुनवाई होनी थी. इसके बाद अन्य मामलों की सुनवाई होनी थी. लेकिन संविधान पीठ में न्यायिक सेवा के अधिकारियों के मुद्दे पर चली सुनवाई में कोर्ट का सम समाप्त हो गया. इसके लिए DGP नियुक्ति नियमावली के मुद्दे पर अब 29 अक्तूबर को सुनवाई होने की संभावना है.
उल्लेखनीय है कि बाबूलाल मरांडी ने अनुराग गुप्ता को DGP के पद पर नियुक्ति के मामले में दो याचिकाएं दायर की थी. उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर DGP की नियुक्ति नियमावली की वैधता को चुनौती दी थी.
सुप्रीम कोर्ट में Contempt Petition दायर कर अनुराग गुप्ता को DGP के पद पर की गयी नियुक्ति को प्रकाश सिंह बनाम केंद्र सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये दिशा निर्देश का उल्लंघन बताया था. पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में बाबूलाल की ओर से दायर Contempt Petition पर सुनवाई हुई थी.
न्यायालय ने बाबूलाल की इस याचिका को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि याचिका राजनीति से प्रेरित है. न्यायालय ने सुनवाई के दौरान बाबूलाल मरांडी की ओर से हाईकोर्ट में दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में झारखंड सरकार द्वारा बनायी गयी DGP नियुक्ति नियमावली की वैधता पर भी सवाल उठाया गया था.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाईकोर्ट ने DGP नियुक्ति नियमावली की वैधता को सुप्रीम कोर्ट में हस्तांतरित कर दिया था. इसके बाद न्यायालय ने इस मामले में राज्य सरकार को अपना पक्ष पेश करने के लिए शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया था.
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