Jamshedpur : झारखंड भाजपा के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद आदित्य साहू ने हेमंत सोरेन सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने आरोप लगाया कि झामुमो, कांग्रेस और राजद की गठबंधन सरकार ने पिछड़ा वर्ग के साथ वादाखिलाफी की है और आरक्षण के मुद्दे पर विश्वासघात किया है.
साहू ने कहा कि सरकार की नीति और नीयत दोनों में भारी अंतर है, जिसके कारण राज्य के लगभग 50 प्रतिशत पिछड़ा समाज के साथ लगातार अन्याय हो रहा है.
जमशेदपुर के साकची स्थित होटल दयाल इंटरनेशनल में आयोजित प्रेस वार्ता में आदित्य साहू के साथ सांसद विद्युत वरण महतो, विधायक नवीन जायसवाल और भाजपा महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा मौजूद थे.
साहू ने कहा कि 2024 के चुनाव में झामुमो और कांग्रेस ने पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद वादे से मुकर गए. 14 अक्टूबर को जब नगर निकाय चुनावों में ट्रिपल टेस्ट के आधार पर आरक्षण तय करने का समय आया, तब हेमंत सरकार ने मात्र 14 प्रतिशत आरक्षण देकर पिछड़ा समाज की उपेक्षा की.
उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब सरकार ने पिछड़ों की अनदेखी की हो. पंचायत चुनावों में भी पिछड़ा वर्ग को आरक्षण नहीं दिया गया था, और अदालत के निर्देश के बाद ही ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया पूरी की गई.
उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि मंडल कमीशन की रिपोर्ट को वर्षों तक दबाए रखा गया और पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने में देरी की गई.
साहू ने कहा कि भाजपा और एनडीए सरकार ने पिछड़ा समाज को सम्मान और अधिकार दिलाने का काम किया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उपराष्ट्रपति दोनों ही पिछड़ा वर्ग से आते हैं, जो सामाजिक भागीदारी का उदाहरण है.
उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार ने हर वर्ग को ठगा है न आदिवासी खुश हैं, न पिछड़े, न किसान और न ही युवा वर्ग. सरकार का जनविरोधी चेहरा अब पूरी तरह उजागर हो चुका है.
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