Ranchi : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने चाईबासा में शांतिपूर्ण धरना दे रहे आदिवासी ग्रामीणों पर की गई पुलिस कार्रवाई की कड़ी निंदा की है. उन्होंने आरोप लगाया कि हेमंत सरकार अवैध खनन सिंडिकेट के दबाव में काम कर रही है और इसलिए चाईबासा में नो इंट्री नियम लागू नहीं किया जा रहा.
मरांडी ने कहा कि बीती रात तांबो चौक पर नो इंट्री की मांग को लेकर शांतिपूर्वक धरना दे रहे ग्रामीणों पर पुलिस ने बर्बर लाठीचार्ज किया, जिसमें कई लोग घायल हो गए. उन्होंने कहा कि यह हमला कानून-व्यवस्था की विफलता नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार की हिफाजत करने वाला राज्य-प्रायोजित आतंक है.
उन्होंने बताया कि ग्रामीण लंबे समय से NH-220 पर अवैध खनन ट्रकों की आवाजाही रोकने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि ये ट्रक अब तक सौ से अधिक निर्दोष लोगों की जान ले चुके हैं. बावजूद इसके सरकार नो इंट्री लागू करने से बच रही है. मरांडी ने आरोप लगाया कि यह पूरा मार्ग अवैध खनन सिंडिकेट की जीवनरेखा है, जिससे मंत्री से लेकर अधिकारी तक सभी को कमीशन मिलता है.
पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 14 अक्टूबर को कोड़ा ने नोवामुंडी में छह अवैध ट्रकों की सूचना पुलिस को दी थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. यह साबित करता है कि पुलिस और खनन माफिया में मिलीभगत है.
मरांडी ने कहा कि जब ग्रामीण शांतिपूर्वक धरना दे रहे थे, तब रात में अचानक पुलिस ने उन पर लाठियां बरसाईं, आंसू गैस के गोले छोड़े और सूत्रों के अनुसार फायरिंग भी की गई. यह लोकतंत्र पर हमला है.
उन्होंने मांग की कि इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराई जाए, दोषी अधिकारियों को निलंबित कर उनके खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया जाए. साथ ही नो इंट्री नियम तत्काल लागू किया जाए और पीड़ितों को मुआवजा दिया जाए. मरांडी ने कहा कि झारखंड की जनता इस भ्रष्ट सरकार को कभी माफ नहीं करेगी.




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