Ranchi: झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूजे) के राजभाषा प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित हिंदी पखवाड़ा-2025 सम्मान समारोह के साथ संपन्न हुआ. इस अवसर पर हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में योगदान देने वाले कर्मचारियों और विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित व पुरस्कृत किया गया.
समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. क्षिति भूषण दास ने की. अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने हिंदी भाषा की सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय एकता में भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा हिंदी केवल एक भाषा नहीं बल्कि भारत की साझा संस्कृति और विरासत का प्रतीक है. इसका विकास और संवर्धन हम सभी की जिम्मेदारी है.उन्होंने यह भी जोर दिया कि हिंदी को राजभाषा के रूप में सरकारी कार्यों में अधिकाधिक अपनाया जाना चाहिए ताकि इसकी पहुंच और प्रभाव को और व्यापक बनाया जा सके.
विविध प्रतियोगिताओं के विजेता सम्मानित
हिंदी पखवाड़ा के अंतर्गत आयोजित निबंध लेखन, आशुभाषण, स्वरचित काव्य-पाठ, हिंदी प्रश्नोत्तरी और हिंदी टंकण प्रतियोगिता में कुल 45 प्रतिभागियों को प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार स्वरूप क्रमशः 1500, 1000 और 500 रूपये नकद पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए. साथ ही हिंदी भाषा में विशेष योगदान देने वाले विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया.
सरकारी कार्यों में हिंदी के उपयोग को मिलेगा बढ़ावा
हिंदी पखवाड़ा-2025 का आयोजन 14 से 26 सितंबर तक किया गया था. इसका उद्देश्य भारत सरकार की राजभाषा नीति के अनुरूप विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रयोग को प्रोत्साहित करना और इसे दैनिक प्रशासनिक कार्यों में शामिल करना रहा.
समारोह का संचालन विश्वविद्यालय के हिंदी अधिकारी मधुरागी श्रीवास्तव ने किया. कार्यक्रम में डॉ मनोज कुमार (डीन, अकादमिक), प्रो केबी पंडा (नैक अध्यक्ष एवं विभागाध्यक्ष, सांख्यिकी), डॉ बीबी मिश्रा (परीक्षा नियंत्रक), डॉ अमरेंद्र कुमार (कुलानुशासक) सहित अन्य संकाय सदस्य, अधिकारीगण एवं विश्वविद्यालय के कर्मचारी उपस्थित रहे
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