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Pramod Upadhyay
Hazaribagh : हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पीड़त और परिजन इंतजार करते रहे और मानवीय संवेदनाओं को तार-तार करते हुए खून के सौदागर उनके पैसे लेकर फरार हो गए. दरअसल हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल इन दिनों खून के सौदागरों की गिरफ्त में है. अस्पताल परिसर में बने ब्लड बैंक भवन में खून के सौदागर बैठ जरूरतमंद मरीजों की तलाश में रहते हैं. जैसे ही कोई मरीज के परिजन खून के लिए ब्लड बैंक पहुंचते हैं, बिचौलिए खुद को ब्लड बैंक का आदमी बताकर खासी रकम ऐंठ कर फरार हो जाते हैं. ऐसा ही वाक्या बुधवार को देखने को मिला. कटकमदाग के मनातू से आया एक मरीज गिरधारी गोप रविवार को सदर अस्पताल के नए वार्ड स्थित बेड-34 पर भर्ती हुआ. उसे खून की जरूरत पड़ी, तो उसके दो बेटे तिलेश्वर और हीरामन गोप ब्लड बैंक पहुंचे. वहां उसी के गांव का एक युवक अस्पताल के कर्मी का नाम बताया. वहां एक युवक ने उन्हें 1500 रुपए में खून उपलब्ध कराने की बात कही. हीरामन ने उन्हें पैसे दे दिए और घंटों राह ताकने के बाद भी उन्हें खून उपलब्ध नहीं कराया गया. जब ब्लड बैंक में वह पूछने गए, तो वहां उन्हें एक मोबाइल नंबर-7091998237 उपलब्ध कराया गया. युवक ने फोन उठाया और फिर स्विच ऑफ कर लिया. तिलेश्वर गोप ने बताया कि वह गांव से आए हैं और पिता का इलाज करवा रहे हैं. डॉक्टर ने खून की कमी बताई. उसके बाद गांव के ही एक युवक ने एक अज्ञात व्यक्ति का नाम बताया, जिसके बाद उससे संपर्क किया. वह ब्लड बैंक में ही बैठा था. लेकिन वह झांसा दे रुपए लेकर फरार हो गया.
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मरीज को सब पता है, फिर भी झांसे में आते हैं : सुपरिटेंडेंट
शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सुपरिंटेंडेंट डॉ. विनोद कुमार कहते हैं कि मरीज को सब पता होता है, फिर भी वह बिचौलियों के झांसे में आ जाते हैं. इस बारे में कई बार लोगों को बताया गया है कि अगर कोई ऐसा मामला है, तो सीधा उनसे संपर्क करें या फिर लिखित शिकायत करें. लेकिन कोई शिकायत ही नहीं करता है, तो कार्रवाई किस पर और कैसे करें. अगर ब्लड बैंक में बिचौलिया बैठता है, तो वह मैनेजर से बात करेंगे.
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अपनी जिम्मेवारी से पल्ला झाड़ रहा अस्पताल प्रबंधन
शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन अपनी जिम्मेवारी से पल्ला झाड़ रहा है. इस संबंध में भर्ती मरीज गिरधारी गोप के बेटे हीरामन कहते हैं कि अस्पताल में सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है. ब्लड बैंक में बाहरी व्यक्ति को क्यों बैठाया जाता है. अस्पताल प्रबंधन इन सबका निरीक्षण क्यों नहीं करता या फिर बिचौलियों को भगाने की मुहिम क्यों नहीं चलाता है. वहां तैनात पुलिस के पास भी शिकायत की. लेकिन किसी ने संज्ञान नहीं लिया.
महिला बिचौलिए पर क्यों नहीं की गई कार्रवाई
ट्रामा सेंटर में तैनात डॉक्टर ने एक महिला बिचौलिया को पकड़ा था. वह महिला दलाल पदमा के कुटीपीसी से आए मरीज को बेड दिलाने के नाम पर पैसे मांगे थे. डॉक्टर की शिकायत पर भी अस्पताल प्रबंधन ने महिला बिचौलिया और उसके दो पुरुष साथियों पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की.
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