New Delhi : CJI बीआर गवई 23 नवंबर को सेवानिवृत्त हुए हैं. उसके बाद जस्टिस गवई द्वारा दिये गये इंटरव्यू सुर्खियों में है. जस्टिस सूर्यकांत ने नये CJI के रूप में 24 को शपथ ली है. पूर्व CJI गवई ने आज बुधवार को न्यूज एजेंसी ANI को एक साक्षात्कार दिया.
इंटरव्यू में पूर्व CJI ने स्पष्ट रूप से कहा कि उन्हें अपने करियर में कभी भी नेताओं या पॉलिटिकल पॉर्टियो का कोई दबाव नहीं झेलना पड़ा. उन्होंने कहा कि हमने नागरिकों को छूट दी कि जहां भी कोई वायलेशन हो, वे कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं.
पूर्व CJI ने चर्चित बुलडोजर एक्शन के खिलाफ दिये गये फैसले(नवंबर 2024 में) का जिक्र करते हुए कहा कि यह सही नहीं माना जा सकता कि कोई व्यक्ति अपराधी है तो उसका घर गिरा दिया जाये. कहा कि बुलडोजर कार्रवाई उस घर में रहने वालों के अधिकारों का उल्लंघन होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि अफसर जज नहीं बन सकते. वे तय नहीं कर सकते कि दोषी कौन है. कहा था कि घर गिराने से 15 दिन पहले नोटिस देना होगा. अगर गलत कार्रवाई की तो अफसरों को हर्जाना देना होगा.
जस्टिस गवई ने जजमेंट के संदर्भ में कहा कि इसमें ज्यूडिशियल एक्टिविज्म को काम करना चाहिए. लेकिन ज्यूडिशियल एक्टिविज्म ज्यूडिशियल टेररिज्म में नहीं बदल जाये. कहा कि हमारा संविधान लेजिस्लेचर, एग्जीक्यूटिव और ज्यूडिशियरी के बीच पावर के बंटवारे में विश्वास करता है.
पूर्व CJI गवई ने कॉलेजियम सिस्टम पर पूछे गये सवाल पर कहा, कॉलेजियम ट्रांसपेरेंट है. कॉलेजियम के अपारदर्शी होने के आरोप गलत हैं. सभी कैंडिडेट्स से बातचीत की जाती है. कंसल्टिंग जज, एग्जीक्यूटिव, राज्यों के सीएम, राज्य के गवर्नर और लॉ मिनिस्ट्री से चर्चा के बाद ही कॉलेजियम आखिरी फैसला लेता है.
बहुचर्चित जस्टिस वर्मा कैश कांड को जस्टिस गवई ने दुर्भाग्यपूर्ण घटना करार दिया. कहा कि इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि इससे ज्यूडिशियरी की इमेज पर असर पड़ा है. मामला अब पार्लियामेंट में पेंडिंग है और महाभियोग की कार्रवाई शुरू हो चुकी है. मेरा इस पर कमेंट करना ठीक नहीं होगा.
न्यायपालिका और संवैधानिक संस्थाओं पर विपक्षी दलों द्वारा किये जा रहे हमलों को श्री गवई ने गलत माना. कहा कि जज अपनी सोच, कानून और उनके समक्ष प्रस्तुत तथ्यों के अनुसार काम करते हैं. कहा कि फैसले की आलोचना का हमेशा स्वागत है.
लेकिन जजों की आलोचना करना ठीक नहीं है. इससे पहले बीआर गवई ने मंगलवार को एक साक्षात्कार में कहा था कि उन्हें हिंदू-विरोधी बताया जाना पूरी तरह गलत हैं. कहा था कि अदालत में जूता फेंकने की कोशिश वाली घटना का उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा. कहा था कि CJI के पद से रिटायर होने के बाद में कोई सरकारी पद नहीं लूंगा
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