Ranchi : राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि बरेली में 25 वर्ष पूर्व एक सहकारी बैंक की स्थापना की थी, जो आज मल्टी-स्टेट बैंकों से प्रतिस्पर्धा कर रहा है. यह बैंक वर्ष भर, सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक कार्य करता है.
उन्होंने कहा कि वास्तव में छोटे ऋण देना आसान कार्य नहीं है, लेकिन उनका मानना है कि यदि महिला को ऋण दिया जाए, तो वह उसे अवश्य लौटाती है. वे शनिवार को स्वावलंबी झारखंड माइक्रो वेलफेयर डेवलपमेंट सेंटर के वार्षिक लघु ऋण वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे.
महिला सशक्तिकरण की दिशा में प्रयास
राज्यपाल ने संस्था को महिला सशक्तिकरण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के लिए बधाई दी और कहा कि यह केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि हजारों परिवारों के जीवन में आये आत्मबल, आत्मनिर्भरता और सामाजिक परिवर्तन का प्रतीक है.उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाएं अब लघु लेकिन सशक्त उद्यमों के जरिए आत्मनिर्भर बन रही हैं और परिवार की आर्थिक रीढ़ बन चुकी हैं.
लखपति दीदी योजना की तारीफ की
राज्यपाल ने ‘लखपति दीदी योजना’ का भी उल्लेख करते हुए कहा कि झारखंड की महिलाएं आज आर्थिक, मानसिक और सामाजिक रूप से सशक्त हो रही हैं. बैंकिंग, विपणन, उद्यमिता और वित्तीय प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में वे दक्षता के साथ नेतृत्व कर रही हैं. उन्होंने स्वदेशी जागरण मंच एवं स्वावलंबी झारखंड माइक्रो वेलफेयर डेवलपमेंट सेंटर की संपूर्ण टीम को इस सामाजिक आंदोलन को निरंतर गति देने के लिए शुभकामनाएं दीं. सभी लाभार्थी महिलाओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की.
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