Ranchi : भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री सह सांसद डॉ राधामोहन अग्रवाल ने राज्य की हेमंत सरकार को निशाने पर लिया. कहा कि एक तरफ 50 हजार करोड़ का घाटा सहकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता को अपने वादों के अनुरूप जीएसटी दरों में भारी कटौती कर राहत दिया है. दूसरी ओर हेमंत सरकार अपने दो हजार करोड़ का घाटा का रोना रोते हुए विरोध दर्ज कर रही.
वे गुरुवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में मीडिया से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार राज्य की जनता को सुविधा से वंचित रखना चाहती है तो ऐसी सरकार को गद्दी छोड़ देना चाहिए. सरकार जनता के हित के लिए बनती है. और यहां तो हेमंत सरकार के बयानों से लगता है कि यह सरकार जनता का हित नहीं देखना चाहती.
भाजपा की सरकार ने कभी पैसे की कमी का रोना नहीं रोया
भाजपा की सरकार ने तो कभी पैसे की कमी का रोना नहीं रोया. आज दुनिया का औसत विकास दर मात्र 3% है तो भारत का विकास दर पिछली तिमाही में 7.8% रहा है. जबकि प्रधानमंत्री ने बजट में 12 लाख तक की आय पर टैक्स जीरो कर दिया है, जिससे भारत सरकार को तीन लाख करोड़ रुपए की आय घटी और अब जीएसटी में स्लैब घटाया तो 50 हजार करोड़ रुपए का घाटा होगा.
राज्य सरकार को जनता की भलाई के लिए उठाए कदम का स्वागत करना चाहिए था. लेकिन अपनी सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार और नाकामियों को छुपाने के लिए राज्य सरकार पैसे का रोना रोती है.
जीएसटी दरों में की गई भारी कमी
जीएसटी दरों में आम जनता से जुड़ी दैनिक आवश्यकता की वस्तुओं पर भारी कमी की गई है. अब जीएसटी की दरें दो कर दी गई जिसमें 5% और 18% शामिल है. जबकि विलासिता की वस्तुओं पर 40% का स्लैब किया गया है. खाने पीने की चीजें या फिर बच्चों की पढ़ाई लिखाई की वस्तुएं. मेडिकल कीट या किसानों के लिए कृषि यंत्र सभी सस्ते किए गए है.
आयुष्मान भारत योजना के बाद अब हेल्थ इंश्योरेंस को भी बहुत सस्ता कर दिया गया है. गंभीर बीमारियों की दवाइयां भी अब बहुत सस्ती हो गई हैं. निर्माण क्षेत्र में सीमेंट का दाम घटने से आम आदमी को घर बनाने में बड़ी राहत मिलेगी.
कांग्रेस पार्टी भी जवाब दे
कांग्रेस पार्टी को जवाब देना चाहिए कि आखिर अमीर गरीब के लिए एक जैसा टैक्स स्लैब लाने की बात कर राहुल गांधी जी जनता को कैसी अर्थव्यवस्था देने की बात करते हैं. यह तो अमीरों की दलाली और गरीबों को चूसने वाली सोच है. राहुल गांधी सारा धन 22 पसेरी करना चाहते हैं.
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