New Delhi : आज बुधवार को लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही दोनों सदनों में बिहार एसआईआर के मुद्दे पर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया.
Union Home Minister Amit Shah tables in Lok Sabha the Constitution (One Hundred and Thirtieth Amendment) Bill, 2025, Government of Union Territories (Amendment) Bill, 2025, Jammu and Kashmir Reorganisation (Amendment) Bill, 2025 pic.twitter.com/cdRMWgViVf
— ANI (@ANI) August 20, 2025
#MonsoonSession2025 #LokSabha adjourned to meet again at 03:00 PM@ombirlakota @LokSabhaSectt @loksabhaspeaker pic.twitter.com/bcwcrgwb1e
— SansadTV (@sansad_tv) August 20, 2025
#WATCH | Congress MP Manish Tewari says, "The basic thing is that the three Bills are against the basic structure of the Constitution of India. Constitution of India, the rule of law says that you are innocent until proven guilty...It is destructive of the basic structure of the… https://t.co/pesA2MdnHd pic.twitter.com/69aU0ahxOm
— ANI (@ANI) August 20, 2025
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा में संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक, 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किये. इस पर विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया और तीनों बिल वापस लेने की मांग करने लगे.
गृह मंत्री अमित शाह ने पीएम, सीएम और मंत्रियों के 30 दिन से अधिक समय तक गिरफ्तारी की दशा में पद से हटाये जाने का प्रावधान करने वाले विधेयक सहित तीनों बिल जेपीसी को भेजे जाने का प्रस्ताव रखा. लेकिन विपक्षी सांसद हंगामा करते रहे. इस क्रम में कुछ सांसद लोकसभा की वेल में आकर नारेबाजी करने लगे.
कुछ विपक्षी सांसदों ने बिल की कॉपी फाड़ी और कागज के टुकड़े अमित शाह की तरफ उछाले. विपक्षी सांसदों ने गृह मंत्री का माइक मोड़ने की कोशिश की. सदन के अंदर स्थिति तनावपूर्ण हो गयी. इस क्रम में सत्ता पक्ष के कई सांसद, गृह मंत्री का बचाव करने आगे आये और विपक्षी सांसदों को रोकने की कोशिश की.सदन में हंगामा इतना अधिक बढ़ गया कि मार्शल तुरंत शाह के चारों तरफ सुरक्षा घेरा बना लिया.
अमित शाह ने विपक्ष के आरोप पर कहा कि मैं जब झूठे मामले में जेल गया था, तब नैतिकता के आधार पर पद से इस्तीफा देकर गया था. हम इतने निर्लज्ज नहीं हैं. मैं चाहता हूं कि नैतिकता का मूल्य बढ़ना चाहिए. विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही बार बार स्थगित करना पड़ी. अंतत : लोकसभा तीन बजे तक स्थगित कर दी गयी है. उधर राज्य सभा भी स्थगित कर दी गयी.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि मूल बात यह है कि तीनों विधेयक भारत के संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ हैं. भारत का संविधान, कानून का नियम कहता है कि जब तक आप दोषी साबित न हो जायें, तब तक आप निर्दोष हैं. यह संविधान के मूल ढांचे के लिए विनाशकारी है, क्योंकि राज्य के साधनों के दुरुपयोग की इसकी क्षमता बहुत अधिक है. यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है.
असदुद्दीन ओवैसी ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025 और संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक 2025 को पेश किये जाने का विरोध किया. जम्मू-कश्मीर वाले विधेयक पर कहा कि यह शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत का उल्लंघन करता है और सरकार चुनने के अधिकार को कमजोर करता है.
दूसरे बिल को लेकर कहा कि यह कार्यकारी एजेंसियों को तुच्छ आरोपों और संदेह के आधार पर न्यायाधीश और जल्लाद बनने की खुली छूट देता है. आरोप लगाया कि यह सरकार पुलिस राज्य बनाने पर तुली हुई है. यह निर्वाचित सरकार के लिए मौत की कील होगी. इस देश को पुलिस राज्य में बदलने के लिए भारत के संविधान में संशोधन किया जा रहा है.
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