SAURAV SINGH
Ranchi : झारखंड में दूसरे राज्यों की पुलिस से मिली जानकारी के आधार पर लगातार अवैध हथियार बनाने वाली फैक्ट्रियों का पर्दाफाश हो रहा है. झारखंड पुलिस ने बीते चार महीने के दौरान पश्चिम बंगाल एसटीएफ की सूचना पर धनबाद, गिरिडीह और बोकारो जैसे जिलों में बड़े पैमाने पर चल रही हथियार निर्माण इकाइयों का बड़े पैमाने पर भंडाफोड़ किया है.
इस छापेमारी से सुरक्षा एजेंसियों को चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं. जांच में यह बात सामने आई है कि अवैध हथियार बनाने के लिए देश भर में बदनाम मुंगेर (बिहार) के हथियार कारोबारी अब दूसरे राज्यों में जाकर हथियारों का निर्माण और उनकी तस्करी कर रहे हैं. झारखंड में जिन अवैध हथियार फैक्ट्रियों का पर्दाफाश हुआ है, उनमें काम करने वाले कारीगर बिहार के रहने वाले थे. खासकर मुंगेर और खगड़िया से. यह दर्शाता है कि मुंगेर के सिंडिकेट ने अपनी गतिविधियों का विस्तार किया है, ताकि पकड़े जाने से बचा जा सके.
बोकारो में गन फैक्ट्री का खुलासा और बांग्लादेश तक सप्लाई
19 जून को बोकारो जिले के बेरमो अनुमंडल की जरीडीह बाजार में एक बड़ी अवैध गन फैक्ट्री का खुलासा हुआ था. यहां से भारी मात्रा में अर्ध-निर्मित हथियार, हथियार के कलपुर्जे, निर्माण सामग्री और लेथ मशीन के साथ-साथ लगभग 50 कार्टून शराब भी बरामद की गयी. इस छापेमारी में मुंगेर और खगड़िया के दो कारीगरों को भी गिरफ्तार किया गया था.
दरअसल पश्चिम बंगाल में अवैध हथियारों की बरामदगी के बाद एसटीएफ की टीम लगातार जांच कर रही थी. उन्हें बिहार और बंगाल से अवैध हथियार बनाने के बड़े जखीरे मिलने की लगातार सूचना मिल रही थी. इसी कड़ी में इस टीम 28 मई को धनबाद जिले के महुदा थाना क्षेत्र में भी छापेमारी की थी और भारी मात्रा में अवैध हथियार बरामद किए थे.
इन कड़ियों को जोड़ते हुए एसटीएफ जरीडीह बाजार तक पहुंची और यहां अवैध रूप से चल रहेे गन फैक्ट्री का उद्भेदन किया. चौंकाने वाली बात यह है कि इन अवैध हथियारों की सप्लाई बांग्लादेश सहित कई अन्य देशों में भी की जाती थी, जो इस नेटवर्क के अंतरराष्ट्रीय आयाम को उजागर करता है.
गिरिडीह के जमुआ में तैयार पिस्टल की तीन राज्यों में होती थी सप्लाई
गिरिडीह जिले के जमुआ थाना क्षेत्र स्थित चपरयामो में इस साल 24 फरवरी को मिनी गन फैक्ट्री का उद्भेदन हुआ था. इस फैक्ट्री में तैयार पिस्टल की सप्लाई तीन राज्यों तक होती थी. यहां तैयार पिस्टल डिमांड के अनुसार पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड के अलग-अलग इलाकों में सप्लाई की जाती थी.
इस फैक्ट्री में छह माह में तैयार किये गये 30 पीस अवैध देसी पिस्टल की सप्लाई की जा चुकी थी. पिस्टल का निर्माण और फिनिसिंग मुंगेर के कारीगरों द्वारा की जाती थी. इन कारीगरों को पिस्टल के निर्माण में महारथ हासिल थी. इस फैक्ट्री के खुलासे में बंगाल एसटीएफ का अहम योगदान रहा था.
धनबाद में मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा
झारखंड और पश्चिम बंगाल एटीएस ने 28 मई को धनबाद के महुदा थाना क्षेत्र की सिंगड़ा बस्ती में एक अवैध मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था. इस मामले में फैक्ट्री संचालक मुर्शीद अंसारी समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
पश्चिम बंगाल एटीएस ने हाल ही में अवैध हथियार के धंधे में शामिल कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था, जिसमें मुशीर्द का एक साथी भी शामिल था. उससे पूछताछ में महुदा में फैक्ट्री चलने की सटीक जानकारी मिलने पर बंगाल एटीएस ने झारखंड एटीएस से संपर्क साधा था. इसके बाद दोनों टीमों ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से यह छापेमारी की थी.