New Delhi : वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि 13 दिसंबर 2024 को हमने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज शेखर यादव के खिलाफ राज्यसभा के सभापति को महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस दिया था .
#WATCH | Delhi | Senior advocate and Rajya Sabha MP Kapil Sibal says, "On December 13, 2024, we brought an impeachment motion against the Chairman of the Rajya Sabha. 55 members of the Rajya Sabha had signed on to that. It's been around six months, and to date, the Chairman has… pic.twitter.com/zOZCQQqflt
— ANI (@ANI) June 10, 2025
सिब्बल ने कहा कि लगभग छह महीने हो गये हैं और आज तक चेयरमैन ने उस दिशा में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ाया है.इस देरी से भारतीय लोकतंत्र की जवाबदेही और संस्थागत प्रक्रियाओं पर सवाल उठ रहे हैं.
कपिल सिब्बल ने गहरी चिंता जताते हुए कहा कि जो लोग संवैधानिक पदों पर हैं, उन्हें सिर्फ हस्ताक्षरों को सत्यापित करने की जरूरत है. क्या इसमें छह महीने लगने चाहिए? मैं आज आपको बताता हूं. 55 हस्ताक्षर है. दो चीजें होंगी, या तो कोई कार्रवाई नहीं होगी या 5-6 हस्ताक्षरों को अमान्य घोषित कर दिया जायेगा ताकि प्रस्ताव खारिज हो जाये.
उन्होंने कहा, एक और सवाल यह उठता है कि क्या यह सरकार शेखर यादव को बचाने की कोशिश कर रही है.' उन्होंने कहा कि VHP के निर्देश पर शेखर यादव ने हाई कोर्ट परिसर में भड़काऊ भाषण दिया था और फिर मामला सुप्रीम कोर्ट में आया जिसने कार्रवाई की.
सिब्बल ने कहा, 'शेखर यादव से दिल्ली में पूछताछ की गयी. इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से भी रिपोर्ट मांगी मैंने सुना कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने नेगेटिव रिपोर्ट दी है. इस बीच 13 फरवरी 2025 को राज्यसभा सभापति ने कहा कि इस मामले को संवैधानिक तरीके से देखा जाना चाहिए और संसद इसे आगे बढ़ा सकती है.
इसके अलावा सिब्बल ने दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा के खिलाफ लाये जानेवाले महाभियोग प्रस्ताव का विरोध करने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि जिस तरह से राज्यसभा सभापति ने शेखर यादव के खिलाफ इन-हाउस जांच को सुप्रीम कोर्ट में पत्र लिखकर रुकवा दिया, उस तरह की चिट्ठी यशवंत वर्मा के मामले में क्यों नहीं लिखी गयी.