Bhagalpur: कोविड काल में गरीब, बेसहारा दिव्यांग लोगों के लिए सबौर प्रखंड मुख्यालय में सामुदायिक किचन की शुरुआत सोमवार से की गई. हालांकि एक तो जिला के सबसे नजदीक के प्रखंड में सबसे पीछे सामुदायिक किचन आरंभ करने की कवायद की गई. वह भी व्यवस्था के नाम पर शौचालय तक नहीं है. प्रखंड मुख्यालय में स्थित खानकित्ता पंचायत सरकार भवन में गरीबों को भोजन कराने के लिए भोजनालय का आरंभ किया गया है. भवन को सैनिटाइज करना तो दूर आस-पास झाड़ू तक नहीं लगाया गया है. भवन के चारों तरफ घांस और खरपतवार भरा पड़ा है. कहीं भी सफाई की व्यवस्था नहीं की गई है. ऐसे में आप कह सकते हैं कि सामुदायिक किचन समुदाय में कोरोना को निमंत्रण दे रहा है.
कोरोना सक्रमण की भयावह स्थिति
आपको बता दें कि प्रखंड के कुल 14 पंचायतों में अधिकतर लोग मजदूरी का काम कर जीवन यापन कर रहे हैं. और लॉकडाउन के कारण वे अभी घर पर ही हैं. जिनके सामने भोजन का घोर संकट है. सामुदायिक किचन आरंभ होते ही ज्यादा संख्या में लोग भूख मिटाने पहुंचेंगे. इधर सबौर में कोरोना की स्थिति की बात करें तो तकरीबन दो दर्जन लोग कोरोना के कारण काल के गाल में समा गए हैं. एक-एक घर से दो से तीन शव निकला है. अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोरोना कितनी भयावह स्थिति में क्षेत्र में फैला हुआ है.
कोविड का गढ़ बन सकता है क्षेत्र
सामुदायिक किचन की थोड़ी असावधानी सबौर को कोरोना हब बना सकता है. इस संदर्भ में प्रखंड प्रमुख अभय कुमार उप प्रमुख बहु रन मंडल आदि सहित कई जनप्रतिनिधि कहते हैं कि, कोरोना के कारण क्षेत्र में भूखमरी की स्थिति आ गई है. सामुदायिक किचन गरीबों के लिए एक महत्वपूर्ण सहारा है. लेकिन इसे खानापूर्ति कर सरकारी राशि का घालमेल नहीं होना चाहिए. बेहतर और सुदृढ़ व्यवस्था हो. कोविड के दिशा निर्देश का पूरी तरह पालन हो और गरीब बेसहारा को भोजन की उपलब्धता कराई जाए. इस बीच कोरोना संक्रमण भी जिले में बढ़ता जा रहा है, जिससे लोग परेशान हैं.