New Delhi : अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की धमकी के आगे एक बार फिर नरेंदर-सरेंडर हो गये हैं. ट्रंप ने आदेश दिया कि रूस से तेल खरीदना बंद करो, मोदी फटाफट आदेश का पालन करने में जुट गये. यह कहते हुए कांग्रेस ने फिर एक बार मोदी सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, अब खबर है कि रिलायंस कंपनी रूस से तेल खरीदना कम करेगी.
नरेंदर - सरेंडर pic.twitter.com/NcerDVWYda
— Congress (@INCIndia) October 23, 2025
Trump orders. Modi obeys.
— Congress (@INCIndia) October 23, 2025
From Washington to New Delhi, the chain of command seems clear.
Trump says — “Stop the war”
Trump says — “Don’t buy Russian oil”
And Modi nods in silence, following every cue.
Now, even Reliance, one of India’s biggest Russian oil buyers, suddenly… pic.twitter.com/NR8Up5yay4
The United States hit Russia's major oil companies with sanctions on October 22 and accused the Russians of a lack of commitment toward ending the war in Ukraine, as Moscow conducted a major training exercise involving nuclear arms https://t.co/HobYUq7LrK pic.twitter.com/3IJ3v1MC58
— Reuters (@Reuters) October 23, 2025
कांग्रेस ने लिखा कि ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि इस साल के अंत तक भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा. कांग्रेस ने कहा कि एक बात साफ है कि नरेंद्र मोदी कमजोर प्रधानमंत्री हैं. तंज कसा कि भारत के फैसले अब ट्रंप ले रहे हैं. रूस भारत का पुराना सहयोगी रहा है और ट्रंप के दबाव में मोदी रूस से संबंध खराब कर रहे हैं. नरेंद्र मोदी ने अपनी पप्पी-झप्पी वाली विदेश नीति से देश का बहुत नुकसान किया है.
दरअसल रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय रिफाइनर्स रूसी तेल का आयात कम करने जा रहे हैं. रिलायंस सरकार (मोदी) की गाइडलाइंस के हिसाब से रूसी तेल की खरीदारी एडजस्ट करेगी. सरकारी कंपनियां भी शिपमेंट चेक कर रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति भारत पर रूस से तेल खरीद बंद करने का दबाव डाल रहे हैं
बदलते घटनाक्रम के बीच खबर आयी है कि ट्रंप ने 22 अक्टूबर को रूसी तेल कंपनी रोसनेफ्ट और लुकोइल पर सैंक्शंस लगा दिये हैं. यूरोपीय संघ द्वारा रूसी LNG के आयात पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाये जाने के बाद ट्रंप ने यह कदम उठाया है. ब्रिटेन भी दोनों कंपनियों पर सैंक्शन लगा चुका है.
खबर है कि अमेरिकी ट्रेजरी ने 21 नवंबर 2025 तक का समय दिया है. सभी कंपनियों को रोसनेफ्ट और लुकोइल के साथ लेन-देन खत्म करना होगा. बात नहीं मानी गयी तो जुर्माना, ब्लैकलिस्टिंग या व्यापार प्रतिबंध का सामना करना पडेगा.
सूत्रों के अनुसार सरकारी कंपनियां इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम व्यापार दस्तावेजों की जांच में जुट गयी हैं. ये कंपनियां नवंबर 21 के बाद आने वाले शिपमेंट्स के बिल जांच रही हैं, ताकि रूसी तेल कंपनी रोसनेफ्ट या लुकोइल से सीधी सप्लाई न हो.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार व्हाइट हाउस में मीडिया से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि तेल खरीदना ऐसी प्रक्रिया है, जिसे तुरंत रोका ही नहीं सकता है. इस क्रम में भारत के संबंध में कहा कि साल के अंत तक भारत रूस से तेल की खरीद जीरो कर देगा. कहा कि मेरी(ट्रंप) कल ही प्रधानमंत्री मोदी से इस बारे में बात हुई है. अहम बात यह है कि पिछले एक सप्ताह में ट्रंप पांच बार ऐसा कह चुके हैं.
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