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संसद परिसर में इंडियन अलायंस के सांसदों का श्रम कानूनों के विरोध में प्रदर्शन, वापस लेने की मांग

New Delhi :  इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस में शामिल घटक दलों के सांसदों ने आज बुधवार को संसद परिसर में मोदी सरकार द्वारा लागू चार श्रम संहिताओं के खिलाफ प्रदर्शन किया. विपक्षी सांसदों ने इन्हें वापस लेने की मांग की.  संसद के मकर द्वार के निकट विपक्ष ने श्रम संहिताओं का विरोध करते हुए सरकार के खिलाफ नारे लगाये. वे सभी हाथों में तख्तियां लिये हुए थे. वे मजदूर विरोधी कानून वापस लो...के नारे लगा रहे थे.

 


विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी , महुआ माझी, कनीमोझी सहित अन्य सांसद  शामिल हुए. बता दें कि कांग्रेस, टीएमसी, सपा, वामदल सहित सभी विपक्षी दल  नये श्रम कानूनों का मजदूर-विरोधी और पूंजीपति मित्रों के हक में करार दे रहे हैं.

 


इससे पहले मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स  पर पोस्ट किया.नयी संहिताएं नौकरी की सुरक्षा छीन रही हैं.  काम के घंटे बढ़ा रही हैं, ट्रेड यूनियनों को कमजोर कर रही हैं और असंगठित व प्रवासी मजदूरों को पूरी तरह असुरक्षित छोड़ रही है. 


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दरअसल केंद्र सरकार ने पिछले 21 नवंबर को चार नये श्रम कानून लागू करने की घोषणा की.  इसके तहत सभी के लिए समय पर न्यूनतम वेतन दिये जाने, सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा जैसे श्रमिकों के हक की बात शामिल की गयी है.

 


अहम बात यह है कि इसमें गिग श्रमिक(अस्थायी काम) और प्लेटफॉर्म श्रमिकों(ओला, उबर, स्विगी, ज़ोमैटो के ड्राइवर, डिलीवरी एजेंट आदि) को भी शामिल किया गया है. हालांकि इसमें लंबी अवधि तक काम करने के घंटे, निश्चित अवधि के रोजगार और नियोक्ता के अनुकूल छंटनी के नियमों की अनुमति भी शामिल है.

 
 


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