Ranchi : नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक चुनौतियों के बावजूद स्थिर है. उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा 50% तक के भारी शुल्क लगाने के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ा है.
केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों और घरेलू मांग की मजबूती के कारण भारत की अर्थव्यवस्था में स्थिरता और विकास हो रहा है. सोशल मीडिया पोस्ट में आर्थिक स्थिरता के कारण भी गिनाए हैं.
गिनाए आर्थिक स्थिरता के कारण
घरेलू मांग: भारत की अर्थव्यवस्था घरेलू मांग पर आधारित है, जिससे यह वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बावजूद स्थिर बनी हुई है.
विविध व्यापार: भारत ने अपने व्यापार को विविध बनाया है और अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, और दक्षिण पूर्व एशिया जैसे क्षेत्रों में व्यापार बढ़ाया है.
ऊर्जा क्षेत्र में प्रगति: भारत ने ऊर्जा क्षेत्र में रूस के साथ संबंध मजबूत किए हैं और अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए काम कर रहा है.
आर्थिक विकास के संकेतक
जीडीपी: भारत का जीडीपी लगभग $4 ट्रिलियन है, और निर्यात केवल 20% हिस्सेदारी रखता है.
विदेशी निवेश: विदेशी निवेशक बड़ी संख्या में भारत का रुख कर रहे हैं.
कर्ज लेने-देने: देश में कर्ज लेने-देने का दायरा बढ़ रहा है, और फैक्ट्रियों में उत्पादन तेज हो रहा है.
केंद्र सरकार की भूमिका
मैक्रो-इकोनॉमिक स्टेबिलिटी: सरकार ने मैक्रो-इकोनॉमिक स्टेबिलिटी को बनाए रखने के लिए काम किया है.
जीएसटी सुधार: सरकार ने जीएसटी सुधारों के माध्यम से घरेलू खर्च को प्रोत्साहित किया है.
विदेशी मुद्रा भंडार: सरकार ने विदेशी मुद्रा भंडार को पर्याप्त बनाए रखने के लिए काम किया है.
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