New Delhi : डीजीसीए ने इंडिगो की लगातार बढ़ रही ऑपरेशनल परेशानियों को गंभीरता से लेते हुए एयरलाइन के सीईओ को तलब किया है. खबर है कि डीजीसीए ने वर्तमान में जारी फ्लाइट डिसरप्शन, क्रू की कमी और पैसेंजर्स की परेशानियों को लेकर डिटेल रिपोर्ट मांगी है.
सीईओ पीटर एल्बर्स को कल 11 दिसंबर को दोपहर 3 बजे डीजीसीए मुख्यालय में पेश होकर अपना पक्ष रखना है, इस बैठक में कंपनी के सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को भी बुलाया गया है.
उधर इंडिगो संकट पर आज बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए नाराजगी जताई. केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा कि इस तरह के गंभीर संकट का जिम्मेवार कौन है, अब तक क्या किया है. कहा कि पिछले नौ दिनों में इंडिगो एयरलाइंस की 4600 से अधिक उड़ानें कैंसिल हुई हैं. यात्रियों की परेशानी का कोई ठिकाना नहीं है. सिर्फ यात्री ही नहीं, अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हुई.
इंडिगो क्राइसिस पर न्यायिक जांच और मुआवजे की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई की गयी. पायलटों के कार्य समय से जुड़ी गाइडलाइंस समय पर लागू न होने पर कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा. कोर्ट ने किरायों में भारी बढ़ोतरी को लेकर सरकार को घेरा.
कोर्ट vs पूछा कि 4-5 हजार रुपए वाले टिकट 30-40 हजार रुपए तक कैसे पहुंच गये. पूछा कि संकट के समय दूसरी एयरलाइंस को फायदा उठाने की इजाज़त कैसे दी जा सकती है. इस पर ASG ने जानकारी दी कि सरकार ने किराये को लेकर सख्त कैप लगाया है.
ASG चेतन शर्मा ने कहा कि यह पहली बार है जब मिनिस्ट्री ने किराये को लेकर दखल दिया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने पूछा कि इंडिगो समय रहते पर्याप्त संख्या में पायलट की नियुक्ति नहीं कर पाया, जिस कारण पायलट की ड्यूटी टाइमिंग से जुड़े नियम पूरे नहीं किये जा सके. ASG ने कहा कि कार्र्वाई की जा रही है. बताया कि COO को निलंबित कर दिया गया है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने इंडिगो, सरकार और DGCA से सुनिश्चित करने को कहा कि एयरपोर्ट पर फंसे यात्रियों को उचित मुआवजा मिले. दिलचस्प बात यह रही कि सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आधी अधूरी तैयारी के साथ याचिका दाखिल करने पर नाराजगी जाहिर की. हालांकि कहा कि जनहित को देखते हुए हम संज्ञान ले रहे है.
Lagatar Media की यह खबर आपको कैसी लगी. नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी राय साझा करें.



Leave a Comment