Ranchi: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने हेमंत सरकार को मोदी मॉडल अपनाने की सलाह दी है. सुझाव दिया कि रांची में एक ही हज़ार करोड़ रुपये का अस्पताल बनाने के बजाय, राज्य के पांच प्रमंडलों में दो-दो सौ करोड़ की लागत से पांच अस्पताल खोले जा सकते हैं.
इसी बजट में, सरकार प्रत्येक जिले में चालीस करोड़ रुपये की लागत से 24 आधुनिक अस्पताल स्थापित कर सकती है.ग्रामीण इलाकों में अस्पताल खोलने से वहां की अर्थव्यवस्था बदल जाएगी, लोकल लोगों को रोजगार मिलेगा और रांची रिम्स पर भार भी कम होगा.
रिम्स में डॉक्टर से लेकर कर्मचारियों की भारी कमी
साह ने झारखंड उच्च न्यायालय की हालिया टिप्पणी का उल्लेख करते हुए बताया कि रिम्स में डॉक्टरों, प्रोफेसरों, नर्सों और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भारी कमी है. आरोप लगाया कि सरकार स्थायी नियुक्तियों से बचते हुए आउटसोर्सिंग का रास्ता अपना रही है, जो न केवल अव्यवस्था को जन्म देता है, बल्कि संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 की मूल आत्मा का भी उल्लंघन करता है. मरीजों को दी जाने वाली बुनियादी दवाइयों और सिरिंज तक की भारी कमी है.
कैग की रिर्पोट का दिया हवाला
कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोलकर रख दी है. लेकिन सरकार ने उस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. रिम्स-2 की घोषणा पर सवाल खड़ा करते हुए आरोप लगाया कि सरकार की प्राथमिकता जनस्वास्थ्य नहीं, बल्कि हज़ारों करोड़ की इमारत बनवाकर कमीशनखोरी करना है. उन्होंने इस परियोजना को संभावित ‘टेंडर घोटाले’ की रूपरेखा बताया.