Ranchi : आज DSPMU के अंग्रेजी विभाग के 2025–2029 के स्नातकोत्तर विद्यार्थियों का परिचयात्मक कक्षा का आयोजन किया गया. इस अवसर पर विभाग के अध्यक्ष विनय भरत सहित समस्त शिक्षकगण पीयूषबाला, दिव्या प्रिया, सुमित मिंज कर्मा कुमार एवं रिसर्च स्कॉलर मो दिलशाद ने विद्यार्थियों का संबोधन किया.
शिक्षकों ने विद्यार्थियों को नियमित रूप से कक्षा में उपस्थित, समय का सम्मान और पाठ्यक्रम का पालन निष्ठापूर्वक करने की प्रेरणा दी गई. साथ ही किसी भी शैक्षणिक कठिनाई पड़ने पर या किसी भी प्रकार के मार्गदर्शन की आवश्यकता पर बिना संकोच शिक्षकों से सलाह लेने की सलाह लेने का सुझाव भी दिया गया.
डॉ विनय भरत ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि साहित्य पढ़ने का मुख्य उद्देश्य यह होना चाहिए कि समाज जिस प्रकार का श्रेष्ठतम मानव निर्मित कर सकता है, वह हम बने. साथ ही विद्यार्थियों को करुणा, विवेक और आत्मचिंतन के साथ अध्ययन करने की सलाह दी. डॉ पीयूष बाला ने विद्यार्थियों को अनुशासन बनाए रखने, विश्वविद्यालय के नियमों का पालन और विभाग की गरिमा बनाए रखने की सलाह दी.
इस अवसर पर शिक्षकों ने यह भी उल्लेख किया कि अंग्रेज़ी साहित्य में स्नातक (B.A.) और स्नातकोत्तर (M.A.) की डिग्री आज के समय में अत्यंत व्यावसायिक संभावनाओं से भरपूर है.
विद्यार्थी विद्यालयों में शिक्षक बन सकते हैं, MA के उपरांत UGC-NET/SET उत्तीर्ण कर सहायक प्राध्यापक बन सकते हैं. इसके अतिरिक्त, वे JPSC, बैंकिंग सेवाएं, MBA, पत्रकारिता, और अन्य रचनात्मक व प्रशासनिक क्षेत्रों में भी उज्ज्वल करियर बना सकते हैं.
अंत में सभी शिक्षकों ने विद्यार्थियों को यह संदेश दिया कि अंग्रेजी साहित्य केवल एक विषय नहीं, बल्कि सोचने, समझने, और बेहतर इंसान बनने की प्रक्रिया है.
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