Ranchi : आदिवासी अस्मिता और झारखंड आंदोलन के प्रतीक दिशोम गुरु शिबू सोरेन का रामगढ़ के नेमरा गांव में श्राद्धकर्म कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा. 15 अगस्त को दशकर्म होगा. जबकि 16 अगस्त को संस्कार भोज एवं श्रद्धांजलि सभा होगा.
श्राद्ध कर्म के लिए संथाली और हिंदी दोनों भाषाओं में आमंत्रण पत्र छपवाया गया है. आमत्रंण पत्र में संथाली भाषा में शोक संदेश को लिखा गया है, जिसे हिंदी में भी परिभाषित किया गया है, ताकि गुरुजी की स्मृति और संदेश अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सके.
राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों का होगा जुटान
बाबा के श्राद्ध कर्म में झारखंड के साथ-साथ देशभर की प्रमुख राजनीतिक हस्तियां, सामाजिक कार्यकर्ता, आदिवासी समुदाय के नेता और बड़ी संख्या में आम जन भाग लेंगे. ऐसे में सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन ने विशेष तैयारियां की है. वाहनों की पार्किंग और आम लोगों की सुविधा के लिए अलग व्यवस्था की गई है.
राज्य में शोक का माहौल
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री, झामुमो के संस्थापक और झारखंड राज्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले दिशोम गुरु का निधन 4 अगस्त 2025 को हुआ था. वहीं उनका अंतिम संस्कार 5 अगस्त को उनके पैतृक आवास नेमरा में हुआ.
गुरु जी के निधन से राज्यभर में शोक का माहौल है. गांव में हर दिन हजारों लोगों की भीड़ उमड़ रही है. बाब को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए कई शोक सभाओं का भी आयोजन किया जा रहा है.
नेमरा गांव बनेगा ऐतिहासिक साक्षी
दिशोम गुरु की जन्मभूमि नेमरा गांव, जहां से उनके सामाजिक और राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी, अब उनके श्राद्धकर्म का ऐतिहासिक साक्षी बनने जा रहा है. गांव की गलियों और मैदानों को सजाया जा रहा है. सड़कें मरम्मत कर पक्की कर दी गई हैं, ताकि आगंतुकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो.
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