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इसरो की प्रेस कांफ्रेंस, अंतरिक्ष यात्री  शुभांशु शुक्ला और डॉ वी नारायणन ने Axiom-4 मिशन को सफल बताया, अनुभव साझा किये

New Delhi :   इसरो के चेयरमैन डॉ वी नारायणन और अंतरिक्ष यात्री   ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने आज गुरुवार को Axiom-4 मिशन की उपलब्धियों पर प्रेस कांफ्रेंस की. ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने भारत सरकार, इसरो को धन्यवाद दिया.  उन्होंने अपने मिशन के बारे में जानकारी दी.

 

 

 

 

शुभांशु शुक्ला ने कहा कि  हम फाल्कन 9 व्हीकल के ऊपर उड़ान भर रहे थे. इस मिशन में मेरा काम मिशन पायलट का था. क्रू ड्रैगन में चार सीटें होती हैं.  क्रू ड्रैगन उन तीन व्हीकल में से एक है जो इंसानों को अंतरिक्ष में ले जा सकता है. ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कहा, यह मिशन बेहद सफल रहा है. हम  सभी तकनीकी उद्देश्यों को प्राप्त करने में सक्षम रहे हैं. ऐसे मिशन के क्रियान्वयन से बहुत सी जानकारियां मिलती हैं.

 

शुभांशु शुक्ला ने कहा कि मानव अंतरिक्ष मिशन को अंजाम देने का लाभ प्रशिक्षण से कहीं अधिक है.  वहां रहने मात्र से हमें अमूल्य  ज्ञान मिला. कहा कि मैंने जो भी जानकारी एकत्र की है, वह हमारे अपने मिशनों, गगनयान और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए अत्यंत उपयोगी होगी. अंतरिक्ष में शरीर कई बदलावों से गुजरता है.

 

शुभांशु शुक्ला ने कहा कि अंतरिक्ष में 20 दिन बिताने के बाद शरीर गुरुत्वाकर्षण में रहना भूल जाता है. कहा कि बहुत जल्द हम अपने कैप्सूल से, अपने रॉकेट से और अपनी धरती से किसी को भेजेंगे. यह अनुभव जमीन पर सीखे गये अनुभव से बहुत अलग होगा.

 

 

कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कहा,  भारत आज भी अंतरिक्ष से सारे जहां से अच्छा दिखता है. जय हिंद, जय भारत.  इससे पहले अंतरिक्ष यात्री और ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की।


 

 

इसरो के अध्यक्ष वी नारायणन ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में हमारी प्रगति अभूतपूर्व रही है. कहा कि  2015 से 2025 तक पूरे किये गये मिशन 2005 से 2015 तक पूरे किये गये मिशनों की तुलना में लगभग दोगुने हैं.  

 

 

पिछले छह महीनों में तीन महत्वपूर्ण मिशन पूरे किये गये हैं.  वी नारायणन ने एक्सिओम-4 मिशन को प्रतिष्ठित मिशन करार दिया. कहा कि पहले भारतीय को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन ले जाया गया और सुरक्षित वापस लाया गया. 

 

 

उन्होंने कहा कि जीएसएलवी-एफ16 रॉकेट ने 30 जुलाई को सबसे प्रतिष्ठित नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार को पूरी तरह से स्थापित कर दिया. अगले 2-3 महीनों में, हम यूएसए का 6500 किलोग्राम का संचार उपग्रह लॉन्च करेंगे, जिसे हमारे प्रक्षेपण यान का उपयोग करके लॉन्च किया जायेगा.    

 

 

इसरो अध्यक्ष ने कहा, श्री मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद, दक्षिण एशियाई उपग्रह का निर्माण किया गया, उसे प्रक्षेपित किया गया और दक्षिण एशियाई देशों को दान कर दिया गया.  उनके नेतृत्व में, हमने जी-20 देशों के लिए जी-20 उपग्रह का भी निर्माण किया है.

 

डॉ वी नारायणन ने कहा, 10 साल पहले, अंतरिक्ष क्षेत्र में हमारे पास केवल एक स्टार्टअप कंपनी थी. आज, अंतरिक्ष उद्योग में हमारे पास 300 से अधिक स्टार्टअप हैं. निजी कंपनियों द्वारा दो उप-कक्षीय मिशन किये गये हैं.  

 

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