Baharagora : बहरागोड़ा में एनएच-18 किनारे स्थित पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस कभी अतिथियों के लिए आराम का ठिकाना रहा करता था. लेकिन देखरेख के अभाव में यह अपनी पहचान खोता जा रहा है. चारों ओर से उगीं झाड़ियों और खर-पतवार ने इसे इस कदर घेर लिया है, कि यह किसी खंडहर से कम नहीं लगता.
एक समय था जब यह रेस्ट हाउस अधिकारियों और मेहमानों के लिए ठहरने का एक उत्तम स्थान था. आज इसकी दयनीय हालत देखकर यह यकीन करना मुश्किल है. रेस्ट हाउस के मुख्य द्वार से लेकर चारों तरफ घनी झाड़ियां फैल गई हैं, जिसकी वजह से कोई मेहमान यहां रुकना पसंद नहीं करता है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान विभाग ने इसकी मरम्मत का काम करवाया था, जिससे लगा था कि इसकी हालत सुधरेगी. लेकिन, रखरखाव की कमी के कारण यह फिर से अपनी पुरानी स्थिति में लौट आया है. धीरे-धीरे यह रेस्ट हाउस अपना अस्तित्व खोता जा रहा है. अगर जल्द इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो जाएगा.
यह रेस्ट हाउस केवल एक इमारत नहीं, बल्कि बहरागोड़ा की एक पहचान भी था, जो अब उपेक्षा का शिकार है. अधिकारियों को इस पर ध्यान देने और इसकी खोई हुई रौनक वापस लाने की ज़रूरत है, ताकि यह एक बार फिर अतिथियों का स्वागत कर सके.
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