Ranchi : झारखंड शराब घोटाले मामले की जांच कर रही एसीबी ने जमशेदपुर के डीसी करन सत्यार्थी को एक बार फिर पूछताछ के लिए बुलाया है. राज्य सरकार की एजेंसी ने उन्हें गुरूवार को समन भेजकर पूछताछ में शामिल होने के लिए कहा है.
इससे पहले करन सत्यार्थी से एसीबी दो बार पूछताछ कर चुकी है. लेकिन अब तक की पूछताछ में एसीबी को कई अहम सवालों के जवाब नहीं मिले हैं. शराब घोटाले में करन सत्यार्थी को गवाह के रूप में नहीं, बल्कि आरोपी की हैसियत से तलब किया गया था.
एसीबी जांच में पता चला है कि जमशेदपुर डीसी करण सत्यार्थी, जब उत्पाद विभाग के तत्कालीन आयुक्त थे, तब विजन और मार्शन नाम की कंपनियों में से एक की बैंक गारंटी फर्जी थी.
उल्लेखनीय है कि झारखंड में हुए शराब घोटाला मामले में एसीबी ने उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग तत्कालीन सचिव विनय चौबे सहित 13 लोगों पर नामजद एफआईआर कराया है. इस केस में पहली गिरफ्तारी वरीय आईएएस अधिकारी विनय चौबे की हुई थी. एसीबी की एफआईआर में कहा गया है कि दो प्लेसमेंट एजेंसियों की फर्जी बैंक गारंटी की अधिकारियों ने जांच तक नहीं की, जिसकी वजह से 38.44 करोड़ का शराब घोटाला हुआ है.
बैंक गांरटी के संबंध में संबंधित बैंक के प्रबंधक ने बताया है कि यह बैंक गारंटी न तो बैंक द्वारा निर्गत की गई है और न ही इस पर प्रयुक्त लेटर हेड, सिग्नेचर बैंक से संबंधित है. इसके बाद भी इन प्लेसमेंट एजेंसियों पर कार्रवाई नहीं की गई.
नियमानुकूल रिकवरी नहीं होने पर मेसर्स विजन हॉस्पिटैलिटी सर्विसेज एंड कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड पर मार्च 2025 तक 12 करोड़ 98 लाख 18 हजार 405 और मेसर्स मार्शन इनोवेटिव सिक्यूरिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड पर 25 करोड़, 46 लाख 66 हजार 313 रुपए की देनदारी होने की बात सामने आई है.
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