- आधुनिक तकनीक के दुरुपयोग के कारण हो रही है साइबर अपराध में वृद्धि
- सफलता को बड़े पैकेज और ऊंचे पदों से नहीं मापें
Jamshedpur : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि ज्ञान और कौशल का उपयोग देश और समाज के व्यापक हित में करें. एनआईटी जमशेदपुर ने ऐसा इको सिस्टम इजाद किया है, जो शिक्षा नवाचार को लोगों की जरूरतों और देशवासियों की आकांक्षाओं से जोड़ता है.

तकनीकी रूप से सक्षम युवा दूसरे के लिए भी रोजगार सृजन करें. एनआईटी का सेंटर फॉर इनोवेशन स्टॉर्टअप और इनोवेशन को बढ़ावा देने में सक्षम होगा. राष्ट्रपति सोमवार को एनआईटी जमशेदपुर के 15वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहीं थीं.
उन्होंने कहा कि एनआईटी से शिक्षा प्राप्त करना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है. मौके पर उन्होंने गोविंद देव गिरी जी और रविंद्र बेहरा को मानद उपाधि के लिए बधाई दी.
वर्तमान में तेजी से तकनीक का हो रहा बदलाव
राष्ट्रपति ने कहा कि वर्तमान में तेजी से तकनीक का बदलाव हो रहा है. ऐसा बदलाव पहले किसी कालखंड में नहीं हुआ. इन बदलाव से जहां नए-नए अवसर भी हैं वहां नई चुनौतियां भी उत्पन्न हो रही हैं. आधुनिक तकनीक के दुरुपयोग से साइबर अपराध में वृद्धि हो रही है.
ई- वेस्ट से पर्यावरण का नुकसान हो रहा है. एनआईटी जैसे संस्थानों से अपेक्षा है कि आधुनिक तकनीक से समाज में पड़ने वाले कुप्रभाव पर नियंत्रण और इसके समाधान की दिशा में भागीदारी निभाए.
कई ऐसी चुनौतियां भी हैं, जिनका सामना करने के लिए मल्टी स्टेक होल्डर एप्रोच के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है. टेक्नोलॉजी को आर्थिक और सामाजिक रूप से व्यवहारिक बनाने के लिए अर्थशास्त्री, समाज शास्त्री और उद्योग जगत की अहम भूमिका होगी है.
शिक्षण संस्थान सिर्फ शिक्षा और उपाधी प्राप्त करने का केंद्र नहीं
शिक्षण संस्थान सिर्फ शिक्षा और उपाधी प्राप्त करने का केंद्र नहीं है. बल्कि शोध का प्रमुख केंद्र है. राष्ट्र की बौद्धिक प्रयोगशाला भी है. यहां पर देश के भविष्य की सोच आकार लेती है. शिक्षित इंजीनियर को नेशन बिल्डिंग की भूमिका निभानी चाहिए.
जो तकनीकी विकास को मानव कल्याण का माध्यम बनाए. किसी भी तकनीकी शिक्षण संस्थानों की प्रतिष्ठा रैंकिंग या प्लेसमेंट से नहीं होनी चाहिए. बल्कि उस संस्थान व उसके विद्यार्थी समाज और राष्ट्र के विकास में किस प्रकार योगदान दे रहे हैं. विकसित भारत के लिए युवाओं को स्किल्ड वर्क फोर्स के रूप में विकसित करना अहम है.
विकसित भारत का सपना ऊंची ईमारतों और शक्तिशाली अर्थव्यवस्था से पूरा नहीं होगा
राष्ट्रपति ने कहा कि विकसित भारत का सपना ऊंची ईमारतों और शक्तिशाली अर्थव्यवस्था से पूरा नहीं होगा. बल्कि अंतिम पायदान के व्यक्ति के पास भी अवसर की समानता और गरिमापूर्ण जीवन जीने की सुविधा उपलब्ध हो.
एनआईटी जैसे संस्थानों को रिसर्च और इनोवेशन पर अधिक ध्यान देना चाहिए. इस योगदान के बल पर भारत नॉलेज सुपर पावर के रूप में स्थापित हो सकेगा. आपका त्रान आपकी शिक्षा तभी सफल होगा, जब उसका लाभ जनसामान्य तक पहुंचे.
चरित्रबल और नैतिक मूल्यों पर जोर
राष्ट्रपति ने कहा कि बिना करूणा के किया गया अविष्कार एक मशीन विकसित कर सकता है. लेकिन करूणा से प्रेरित नवाचार समाज के लिए वरदान सिद्ध हो सकता है. उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आपके समाने कई चुनौतियां आएंगी.
उस समय आपका चरित्रबल और नैतिक मूल्य ही प्रभावी मार्गदर्शक होगा. सफलता केवल बड़े पैकेज और ऊंचे पदों से नहीं मापा जाना चाहिए. बल्कि इस आधार पर आकलन किया जाना चाहिए कि आपका ज्ञान या आपका कार्य कितने लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रहा है.
आज मुझे उतना उत्साह नहीं दिख रहा
राष्ट्रपति ने कहा कि उपाधी प्राप्त करना आपकी मेहनत का परिणाम है. भविष्य के लिए नए संकल्प लेने का अवसर भी है. आज मुझे इतना उत्साह नहीं लग रहा है. जब मैनें दो लोगों को उपाधी दी तो कोई भी ताली नहीं बजाया. उनके टाइम पर ताली नहीं बजाए तो आपके समय में कौन ताली बजाएगा.इसके बाद वहां मौजूद लोगों ने तालियां बजाईं.
उन्होंने कहा कि एनआईटी जमशेदपुर पिछले 65 साल से विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
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