Ranchi : झारखंड स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी (JSACS) के तत्वावधान में 17 और 18 नवंबर को नामकुम स्थित आईपीएच सभागार में नेशनल एड्स कंट्रोल प्रोग्राम मॉड्यूल पर दो-दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला सफलतापूर्वक आयोजित की गई. परियोजना निदेशक डॉ. नेहा अरोड़ा के निर्देशानुसार आयोजित इस कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न आईसीटीसी केंद्रों से आए लैब टेक्नीशियन ने भाग लिया.
विंडो पीरियड और रिस्क असेसमेंट पर जोर
राज्य यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. कमलेश प्रसाद ने प्रशिक्षण के दौरान विंडो पीरियड और रिस्क असेसमेंट की अनिवार्यता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि एचआईवी जांच से पहले रोगी का विंडो पीरियड और रिस्क असेसमेंट करना जरूरी है. इससे अगर रिपोर्ट नेगेटिव आती है, तो दोबारा जांच का सही समय निर्धारित किया जा सकता है.
डॉ. प्रसाद ने यह भी बताया कि नियमित प्रशिक्षण से लैब टेक्नीशियन और काउंसलर नवीनतम परीक्षण विधियों (लेटेस्ट टेस्टिंग मेथड्स) से अवगत होते रहेंगे, जिससे एचआईवी की शुरुआती पहचान और रोकथाम में सुधार होगा.
जांच किट के रख-रखाव की अहम हिदायत
झारखंड स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी के उप-परियोजना निदेशक डॉ. एस.एस. पासवान ने जांच किट के रख-रखाव के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सरकारी और केंद्रीय एचआईवी जांच किट को 2 °C से 8 °C के तापमान पर स्टोर (संग्रहीत) करना बहुत आवश्यक है, तभी जांच के परिणाम सटीक मिलेंगे.
हैंड्स-ऑन प्रशिक्षण से मिली व्यावहारिक सीख
कार्यशाला में लैब तकनीक और उपकरणों पर व्यावहारिक सत्र (हैंड्स-ऑन प्रशिक्षण) भी आयोजित किए गए. एमजीएम मेडिकल कॉलेज की एसआरएल लैब से डॉ. सुमंगला, रिम्स रांची की एसआरएल लैब से सुश्री सुमी महतो और डॉ. सुधीर कुमार ने यह सत्र संचालित किए.
इस अवसर पर झारखंड स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी के अपर परियोजना निदेशक डॉ. एस.एस. पासवान, उप-निदेशक सत्य प्रकाश प्रसाद सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.




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