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झारखंड कांग्रेस का नया प्लान: संगठन व जनता पर फोकस, ग्रास रूट लेवल पर होगा काम

Ranchi :  झारखंड प्रदेश कांग्रेस ने अपने संगठन को मजबूत करने और जनता के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए एक नई रणनीति तैयार की है. केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर सभी मंत्रियों और विधायकों को संगठन, कार्यकर्ताओं और जनता को प्राथमिकता देते हुए काम करने का निर्देश दिया गया है. इस पर प्रदेश कांग्रेस ने ग्रास रूट लेवल पर काम करना शुरू कर दिया है. 

 

क्या है कांग्रेस की रणनीति


कांग्रेस पार्टी ने अपने संगठन को मजबूत करने और जनता के बीच अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए एक नई रणनीति तैयार की है. पार्टी का उद्देश्य जनता की समस्याओं का समाधान करना और उनकी आवाज को सरकार तक पहुंचाना है. वहीं संगठनात्मक स्तर पर प्रदेश कांग्रेस अपनी उपस्थिति को और मजबूत करने के लिए संगठनात्मक स्तर पर काम करेगी.

 

जनता दरबार के जरिए जनता तक पहुंचने की कवायद


मंत्रियों को जिम्मेवारी दी गई है कि राज्य के मंत्री जिलों में नियमित रूप से जनता दरबार लगाएंगे, ताकि लोगों की समस्याएं सीधे सुनी और हल की जा सकें. साथ ही नियमित बैठकें आयोजित की जाएंगी, ताकि राज्य और केंद्र के बीच बेहतर समन्वय बना रहे.

 

संगठनात्मक बैठकें और प्रशिक्षण शिविर भी


20 जुलाई से पूरे झारखंड के सभी जिलों में जिला अध्यक्ष, जिला पर्यवेक्षक, ब्लॉक अध्यक्ष, ब्लॉक पर्यवेक्षक और मंडल अध्यक्षों की बैठक होगी. बैठक और प्रशिक्षण शिविर का उद्देश्य झारखंड के सभी पंचायतों में पंचायत समिति के गठन के लिए जिला और ब्लॉक स्तर के नेताओं को प्रशिक्षित करना है.

 

धरना प्रदर्शन और पार्टी कार्यक्रम


प्रदेश कांग्रेस ने दो अगस्त को राजभवन के सामने धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है, जिसमें ओबीसी आरक्षण को 27 प्रतिशत तक बढ़ाने, ओबीसी मंत्रालय का गठन और आरक्षण की अधिकतम सीमा में वृद्धि की मांग की जाएगी. 25 जुलाई को दिल्ली में आयोजित पार्टी कार्यक्रम में भागीदारी को लेकर भी रणनीति तैयार की गई है.

 

जनहित के मुद्दों पर मुखर होगी कांग्रेस


झारखंड के कांग्रेसी नेताओं को पार्टी आलाकमान ने सलाह दी है कि जनहित के मुद्दों, जैसे पेसा कानून, ओबीसी आरक्षण और सरना धर्म कोड को मजबूती से उठाएं. ताकि भाजपा को इन मुद्दों पर जनता के बीच अपनी पकड़ बनाने का अवसर नहीं मिल सके. यह भी सलाह दी गई है कि कार्यकर्ताओं का मान-सम्मान पार्टी की प्राथमिकता होनी चाहिए. विधायकों और मंत्रियों से कहा गया है कि वे कार्यकर्ताओं के साथ नियमित संवाद बनाए रखें और उनकी समस्याओं को सुनें. कांग्रेस को गठबंधन धर्म का पालन करते हुए झामुमो के साथ किसी भी तरह की तकरार से बचने की हिदायत दी गई है.

 

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