Ranchi: झारखंड में लगातार बढ़ती आबादी के बावजूद पुलिसकर्मियों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई है, जिससे कानून-व्यवस्था बनाए रखने में लगे पुलिसकर्मियों के ऊपर काम का बोझ बढ़ता जा रहा है.
झारखंड में पुलिस के कुल 79,950 पद स्वीकृत हैं. लेकिन इनमें से 23,673 पद खाली हैं, जिसका मतलब है कि केवल 56,277 पुलिसकर्मी ही कार्यरत हैं. यह बड़ी कमी पुलिसकर्मियों पर काम का बोझ बढ़ा रही है, जिससे उन्हें कानून-व्यवस्था बनाए रखने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. झारखंड अकेला ऐसा राज्य नहीं है, जहां पुलिस बल की कमी है, बल्कि यह समस्या देश के लगभग सभी राज्यों में मौजूद है.
एक पुलिसकर्मी पर 908 लोगों के सुरक्षा का बोझ
राज्य में एक पुलिसकर्मी के जिम्मे औसतन 908 लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है. यह आंकड़ा सुरक्षा मापदंडों से काफी कम है. राष्ट्रीय मापदंडों के अनुसार, 694 व्यक्तियों पर एक पुलिसकर्मी होना चाहिए.
वहीं संयुक्त राष्ट्र (UNO) के मानकों के मुताबिक, यह संख्या 450 व्यक्तियों पर एक पुलिसकर्मी होनी चाहिए. इन मापदंडों की तुलना में झारखंड की स्थिति काफी चिंताजनक है. यह भी देखा गया है, कि झारखंड में 186 वीआईपी लोगों को जेड से लेकर एक्स श्रेणी तक की सुरक्षा दी गई है, जिसमें 1,000 से अधिक जवान लगे हुए हैं. दूसरी तरफ आम जनता की सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों की भारी कमी है.
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