Ranchi : झारखंड हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा कि संत जोसेफ कॉलेज, तोरपा को राज्य सरकार से प्राप्त अनुदान से संबंधित सभी जानकारी सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) 2005 के तहत देनी होगी. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब कोई संस्था सरकार से आर्थिक सहायता प्राप्त करती है, तो वह सार्वजनिक प्राधिकरण की श्रेणी में आती है ऐसी स्थिति में उस पर RTI के प्रावधान लागू होंगे और उससे कॉलेज से जुड़ी जानकारियां मांगी जा सकती है.
कॉलेज ने आयोग के आदेश को हाईकोर्ट में दी थी चुनौती
दरअसल याचिकाकर्ता अमित कुमार राय ने कॉलेज से यह जानकारी मांगी थी कि राज्य सरकार से प्राप्त अनुदान की राशि से कॉलेज ने शिक्षकों और गैर-शिक्षकीय कर्मचारियों को कितनी सैलरी दी. लेकिन कॉलेज प्रशासन ने यह जानकारी देने से इनकार कर दिया. इसके बाद याचिकाकर्ता ने राज्य सूचना आयोग में शिकायत दर्ज कराई. तो आयोग ने आदेश दिया कि कॉलेज को RTI के तहत मांगी गई जानकारी प्रदान करनी होगी. इस आदेश को कॉलेज ने झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी, लेकिन हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच (दो न्यायाधीशों की पीठ) ने कॉलेज की याचिका खारिज करते हुए आयोग के आदेश को सही ठहराया.
कोर्ट का स्पष्ट रुख
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि 2016 में कॉलेज को राज्य सरकार से 40 लाख रुपये का अनुदान मिला था, जो यह दर्शाता है कि वह सरकार द्वारा वित्तपोषित संस्था है. इसलिए RTI अधिनियम की धारा 2(h) के तहत वह सार्वजनिक प्राधिकरण की श्रेणी में आता है और उसे संबंधित जानकारी उपलब्ध करानी होगी.
कॉलेज की दलील खारिज, याचिकाकर्ता ने रखा पक्ष
कॉलेज ने यह तर्क दिया कि वह RTI के दायरे में नहीं आता, लेकिन कोर्ट ने 20 जून 2025 को हुई अंतिम सुनवाई में इस दलील को अस्वीकार करते हुए कहा कि सरकारी पैसे के उपयोग पर जनता को जानकारी मांगने का अधिकार है और संस्थान को इसका जवाब देना अनिवार्य है. इस मामले में याचिकाकर्ता अमित कुमार राय की ओर से वकील विशाल कुमार राय ने अदालत में प्रभावी रूप से पक्ष रखा. हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब कॉलेज को यह बताना होगा कि सरकार से मिले अनुदान का उपयोग कैसे और कहां हुआ, किन कर्मचारियों को कितना भुगतान किया गया,.