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झारखंड बिजली में बन रहा आत्मनिर्भर: सेंट्रल पूल से मिलेगी मुक्ति, राज्य के प्लांट से 1190 मेगावाट बिजली

  • फिलहाल सालाना होगी 276 करोड़ की बचत, फरक्का थ्री और कोरबा से 100 मेगावाट बिजली लेना बंद

Ranchi : झारखंड अब बिजली के क्षेत्र में सेंट्रल पूल के भरोसे नहीं रहेगा. राज्य के दो पावर प्लांट, पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड और नॉर्थ कर्णपुरा प्लांट से हर रोज 1190 मेगावाट बिजली मिल रही है.

 

इससे झारखंड को सस्ती बिजली मिल रही है और सालाना 276 करोड़ रुपये की बचत होगी. फिलहाल बिजली की उपलब्धता को देखते हुए झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम ने फरक्का थ्री और कोरबा से 100 मेगावाट बिजली लेना बंद कर दिया है. 

 

पतरातू के यूनिट नंबर दो और नॉर्थ कर्णपुरा से ऐसी है बिजली खरीदने की योजना

वितरण निगम पतरातू के यूनिट नंबर दो से भी बिजली खरीदेगा. इस यूनिट से वित्तीय वर्ष 2026-27 में 850.87 करोड़, वित्तीय वर्ष 2027-28 में 1690.14 करोड़, वित्तीय वर्ष 2028-29 में 2061.89 करोड़, वित्तीय वर्ष 2029-30 में 2487.05 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2030-31 में 2906.13 करोड़ की बिजली खरीदी जाएगी.

 

वहीं, नार्थ कर्णपुरा से वित्तीय वर्ष 2026-27 में 757.92 करोड़, वित्तीय वर्ष 2027-28 में 795.81 करोड़, वित्तीय वर्ष 2028-29 में 835.6 करोड़, वित्तीय वर्ष 2029-30 में 877.38 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2030-31 में 921.25 करोड़ की बिजली खरीदी जाएगी.

 

वर्तमान में क्या है स्थिति

•    पतरातू से 640 मेगावाट और नॉर्थ कर्णपुरा से 650 मेगावाट मिल रही बिजली.

•    फरक्का और कोरबा से 100 मेगावाट बिजली लेना बंद.

•    सालाना 276 करोड़ रुपये की बचत.

•    पतरातू की दूसरी यूनिट चालू होने पर और बचत.

 

2026 में झारखंड में कितनी बिजली होगी उपलब्ध

पतरातू से बिजली

•    2026 में 1920 मेगावाट बिजली.

नॉर्थ कर्णपुरा से बिजली

•    650 मेगावाट बिजली.

डीवीसी से बिजली

•    500 मेगावाट बिजली

झारखंड की अपनी यूनिट से बिजली

•    तेनुघाट से 300 मेगावाट.

•    सिकिदिरी हाइडल से 130 मेगावाट.

कुल उपलब्धता

3500 मेगावाट, मांग लगभग 2800 मेगावाट

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