Ranchi : झारखंड जनाधिकार महासभा ने मुख्यमंत्री के नाम एक सार्वजनिक पत्र जारी करते हुए मांग की है कि आगामी विधानसभा के मॉनसून सत्र में PESA कानून को पूर्ण रूप से लागू किया जाए. महासभा ने मुख्यमंत्री को स्मरण कराया है कि 2024 के विधानसभा चुनाव में झारखंड के आदिवासी एवं मूलवासी मतदाताओं ने अबुआ राज की स्थापना के वादे पर इंडिया गठबंधन को स्पष्ट जनादेश दिया था. लेकिन उनके अनुसार, PESA जो अबुआ राज की स्थापना के लिए एक बुनियादी कदम है और अभी तक पूरी तरह लागू नहीं किया गया है.
पेसा लागू करने में देरी पर जताई नाराजगी
महासभा समेत राज्य के कई संगठनों ने वर्षों से पेसा को लागू करने की मांग की है. गठबंधन दलों ने भी इसे अपने चुनावी वादों में शामिल किया था. लेकिन महासभा का आरोप है कि राज्य सरकार की इस विषय में उदासीनता झारखंडी जनता की भावनाओं के साथ विश्वासघात है.
संविधानिक प्रक्रिया और कानून संशोधन की आवश्यकता पर बल
पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि संवैधानिक प्रावधानों के तहत PESA को राज्य में पंचायती राज अधिनियम (JPRA-2001) के माध्यम से ही लागू किया जा सकता है. लेकिन मौजूदा JPRA में PESA के अधिकांश प्रावधान शामिल नहीं हैं. इसलिए महासभा ने JPRA में संशोधन कर PESA के सभी अपवादों और उपान्तरणों को शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया है.
महासभा ने यह भी बताया कि जन दबाव के बाद सरकार ने 9 मई 2025 को पेसा नियमावली का प्रारूप जारी किया था और एक माह के भीतर सुझाव मांगे गए थे. महासभा सहित कई संगठनों ने लिखित सुझाव सरकार व विभागीय मंत्रियों को सौंपे, लेकिन अब तक किसी ठोस निर्णय की घोषणा नहीं हुई है.
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