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झारखंड पुलिस के हवलदार की हत्या का खुलासा: बेटे ने ही संपत्ति व नौकरी के लालच में रची साजिश

Bhojpur : बिहार के भोजपुर जिले के चांदी थाना क्षेत्र के भगवतपुर गांव में छुट्टी पर घर आए झारखंड पुलिस के हवलदार पशुपतिनाथ तिवारी की सनसनीखेज हत्या के मामले में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. 

 

पुलिस के अनुसार, इस हत्याकांड को अंजाम मृतक के अपने बेटे विशाल तिवारी ने अपने दोस्त मो. जिशान अहमद जिलानी के साथ मिलकर दिया था. दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनके पास से घटना में प्रयुक्त मोबाइल भी बरामद किया गया है.

 

पशुपतिनाथ तिवारी झारखंड के हजारीबाग स्थित पीसीआर शाखा में चालक हवलदार के पद पर तैनात थे. वह 31 जनवरी 2026 को सेवानिवृत्त होने वाले थे और इन दिनों छुट्टी पर अपने पैतृक गांव भगवतपुर आए हुए थे.

 

19 दिसंबर की देर रात उनकी गला रेतकर हत्या कर दी गई थी. मृतक की पत्नी मणी देवी के बयान पर चांदी थाना में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की.

 

हत्या का मुख्य कारण, नौकरी, पैसा और संपत्ति का लालच 

भोजपुर एसपी के निर्देश पर तकनीकी अनुसंधान और कॉल डिटेल रिकॉर्ड के आधार पर पुलिस जांच आगे बढ़ी. सदर-2 एसडीपीओ ने गुरुवार को प्रेसवार्ता में बताया कि हत्या का मुख्य मकसद अनुकंपा के आधार पर नौकरी, पैसे और संपत्ति पर कब्जा करना था.

 

आरोपी बेटा विशाल तिवारी नशे का आदी था और उसके पिता-पुत्र के संबंध अच्छे नहीं थे. हवलदार पशुपतिनाथ ने हाल ही में दो बीघा जमीन का एग्रीमेंट कराया था, जिसकी जानकारी विशाल को नहीं थी.

 

विशाल को यह आशंका थी कि पिता संपत्ति अपनी विवाहित बेटी प्रियंका तिवारी के नाम कर सकते हैं. पुलिस पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ कि पशुपतिनाथ तिवारी की हत्या की साजिश करीब दो साल पहले भी रची गई थी.

 

पहली योजना में बाइक दुर्घटना कराकर उन्हें मारने की कोशिश की गई थी, लेकिन वह सफल नहीं हो सकी. सेवानिवृत्ति की तिथि नजदीक आने पर, पिछले कुछ महीनों से दोबारा हत्या की योजना बनाई जा रही थी.

 

वारदात को अंजाम देने का तरीका 

एसडीपीओ ने बताया कि योजना के अनुसार,19 दिसंबर को दोनों आरोपी बाइक से हजारीबाग से निकले और देर रात करीब डेढ़ बजे भगवतपुर पहुंचे.

 

उन्होंने पेड़ के सहारे घर में प्रवेश किया और बरामदे में पलंग पर सो रहे पशुपतिनाथ तिवारी की चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी. घटना को अंजाम देने के बाद दोनों आरोपी बाइक से वापस हजारीबाग भाग गए.

 

भागने के दौरान, उन्होंने भोजपुर के सहार पुल के पास सोन नदी में चाकू और ग्लव्स फेंक दिए.

 

 ऐसे खुला राज, दोनों आरोपी गिरफ्तार 

शक से बचने के लिए, विशाल तिवारी चौपारण टोल प्लाजा के पास से अपनी पत्नी के साथ गांव लौट आया, ताकि लगे कि वह घटना के वक्त मौजूद नहीं था.

 

पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पहले जिशान अहमद जिलानी को हजारीबाग पुलिस के सहयोग से हिरासत में लिया. सख्त पूछताछ में जिलानी ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया, जिसके बाद विशाल तिवारी को भी गिरफ्तार कर लिया गया.

 

पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने पिता की हत्या के बाद बहन प्रियंका तिवारी को भी रास्ते से हटाने की योजना बना रखी थी. फिलहाल, दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

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