Ranchi : झारखंड पुलिस मुख्यालय ने नौ जिले में एसआरई (Security Related Expenditure) फंड से उपयोग किए जा रहे वाहनों जानकारी मांगी है. जिन नौ जिलों से जानकारी मांगी गई है, उनमें चाईबासा, लातेहार, बोकारो, चतरा, गढ़वा, गिरिडीह, खूंटी, लोहरदगा, और सरायकेला शामिल है. मुख्यालय ने इन जिलों के एसपी को तत्काल जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है.
मुख्यालय ने स्पष्ट किया है कि एसआरई योजना के ट्रांसपोर्टेशन मद के तहत जिले में जो चार पहिया और दो पहिया वाहनों का उपयोग किया जा रहा है, उसकी जानकारी तत्काल उपलब्ध कराई जाए. सभी जिलों के एसपी को चार पहिया और दो पहिया वाहनों की संख्या, चार पहिया वाहन के प्रकार (जैसे : जीप, बोलेरो, स्कॉर्पियो) और इसे उपयोग करने वाले नाम सहित अन्य जानकारी मांगी गई है.
पहले झारखंड में 9 जिले थे एसआरई में शामिल
अप्रैल 2025 तक झारखंड में कुल नौ एसआरई जिले थे, जिनमें वेस्ट सिंहभूम, बोकारो, चतरा, लातेहार, खूंटी, सरायकेला, गढ़वा, गिरिडीह और लोहरदगा शामिल थे. गृह मंत्रालय द्वारा अक्टूबर महीने में किए गए समीक्षा के बाद इनमें से 5 जिले खूंटी, सरायकेला, गढ़वा, गिरिडीह और लोहरदगा को सिक्योरिटी रिलेटेड एक्सपेंडिचर यानी एसआरई से बाहर कर दिया गया है.
क्या है सिक्योरिटी रिलेटेड एक्सपेंडिचर
एसआरई (सिक्योरिटी रिलेटेड एक्सपेंडिचर) योजना भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा नक्सलवाद, उग्रवाद या अन्य सुरक्षा चुनौतियों से प्रभावित जिलों को सहायता प्रदान करने के लिए चलाई जाती है. यह योजना मुख्य रूप से नक्सल प्रभावित राज्यों जैसे छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा आदि को अपने साथ जोड़ती है. इसमें केंद्र सरकार एसआरई जिलों में होने वाले खर्च का 100% भुगतान करती है. यह फंड सुरक्षा बलों की ट्रेनिंग, ऑपरेशन, हिंसा प्रभावितों को मुआवजा, सरेंडर करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास और सामुदायिक पुलिसिंग में इस्तेमाल होता है.
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