Ranchi : डिजिटल युग में सोशल मीडिया एक शक्तिशाली माध्यम बन चुका है, जहां आम लोग से लेकर अफसर तक अपनी मौजूदगी दर्ज कराने की होड़ में लगे हैं. झारखंड में भी पुलिस महकमे में सोशल मीडिया रील्स बनाने का चलन तेजी से बढ़ रहा है.
आईपीएस, एएसपी, डीएसपी, दरोगा से लेकर सिपाही स्तर तक के कर्मी पुलिस की वर्दी में रील्स बनाकर इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पोस्ट कर रहे हैं.
अक्सर ये रील्स काम करने की जगह यानी थाने या फील्ड ड्यूटी के दौरान ही शूट की जाती हैं, जिससे न सिर्फ वर्दी की मर्यादा बल्कि पुलिस की पेशेवर छवि पर भी सवाल उठने लगे हैं.
देश के कई राज्यों में पुलिस विभाग ने अपने कर्मियों के लिए सोशल मीडिया पॉलिसी बनाई है, ताकि वर्दीधारी कर्मियों द्वारा सोशल मीडिया के अनुचित उपयोग को रोका जा सके.
कारण साफ है कि वर्दी पहनकर रील्स बनाना और उन्हें सोशल मीडिया पर शेयर करना विभागीय आचरण नियमों के खिलाफ मानी जाती है. इससे वर्दी की गरिमा और पुलिस की छवि दोनों प्रभावित हो सकती है.
झारखंड सरकार ने भी जारी की है गाइडलाइन
झारखंड सरकार ने भी अपने कर्मचारियों के लिए इंटरनेट मीडिया के इस्तेमाल पर विस्तृत गाइडलाइन जारी की है. यह गाइडलाइन 4 फरवरी 2025 को कार्मिक विभाग द्वारा जारी की गई है.
गाइडलाइन के अनुसार, सरकारी कर्मचारियों द्वारा इंटरनेट मीडिया (जैसे WhatsApp, X, Instagram) पर ऐसा कुछ पोस्ट शेयर ना करें, जो झारखंड सरकारी सेवक आचार नियमावली के नियमों के खिलाफ हो.
सरकारी कर्मी केवल उसी हद तक अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं, जहां तक सरकार द्वारा उन्हें आपत्तिजनक न माना जाए.
कार्यालय समय का सदुपयोग करने का निर्देश
झारखंड सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन में यह भी निर्देश दिया गया है कि कार्यालय समय के दौरान कर्मचारी अनावश्यक रूप से अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया अकाउंट का इस्तेमाल न करें.
कर्मचारियों को अपने कार्यस्थल से संबंधित शिकायतों या मुद्दों को वीडियो, फोटो या किसी अन्य रूप में सोशल मीडिया पर साझा करने से मना किया गया है.
इन सख्त निर्देशों के बावजूद कई पुलिस अधिकारी और कर्मी अभी भी फेमस होने के लिए सोशल मीडिया पर रील पोस्ट कर रहे हैं. यह दर्शाता है कि डिजिटल दुनिया में फेमस होने की चाहत विभागीय नियमों पर भारी पड़ रही है.
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