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झारखंड में सौर ऊर्जा शुल्क के नये नियम, लोड डिस्पैच सेंटर करेगा जांच

Ranchi : झारखंड विद्युत नियामक आयोग (जेएसईआरसी) ने सौर पीवी विद्युत परियोजना और सौर तापीय विद्युत परियोजना से बिजली खरीद के लिए नए शुल्क निर्धारण का नियम तैयार कर लिया है. इसका उद्देश्य सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए टैरिफ निर्धारण की प्रक्रिया को स्पष्ट करना और सौर परियोजनाओं के विकास को बढ़ावा देना है.

 

नियंत्रण अवधि और टैरिफ अवधि

सौर परियोजना के कॉमर्शियल संचालन की तिथि से शुरू होगी और 25 वर्षों तक रहेगी. 10 मेगावाट से अधिक क्षमता वाली परियोजनाओं के लिए प्रतिस्पर्धी बोली अनिवार्य होगी, जबकि 10 मेगावाट से कम क्षमता वाली परियोजनाओं के लिए समय दर समय आधार पर टैरिफ निर्धारित किया जाएगा. आयोग सौर पीवी विद्युत परियोजना, फ्लोटिंग सौर परियोजनाएं और सौर तापीय विद्युत परियोजना, सौर हाइब्रिड ऊर्जा परियोजना और भंडारण सहित सौर परियोजनाओं के लिए समय दर समय के आधार पर परियोजना-विशिष्ट टैरिफ निर्धारित करेगा.

 

स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर इन चीजों की करेगा जांच

•    जनरेटर की उपलब्धता
•    मौसम पूर्वानुमान
•    सौर विकिरण
•    सामान्य सौर उत्पादन वक्र
•    ग्रिड सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण
•    उपलब्ध सौर ऊर्जा का पूर्ण उपयोग करना
•    मुख्य और चेक मीटरों में वास्तविक समय रीडिंग की सुविधा होगी
•    मीटर रीडिंग की प्रक्रिया वितरण लाइसेंसधारी या स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर द्वारा तैयार की जाएगी
•    मीटर की गई ऊर्जा का बिल मासिक आधार पर बनाया जाएगा

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