Search

अक्षय ऊर्जा के जरिए हरित विकास का केंद्र बनेगा झारखंड

  • भविष्योन्मुखी एनर्जी प्लानिंग की दिशा में पहल
  • रिन्यूएबल एनर्जी पोटेंशियल असेसमेंट रिपोर्ट का विमोचन

Ranchi : वन विभाग के सचिव अबूबकर सिद्दीकी ने कहा कि झारखंड के प्रचुर प्राकृतिक संसाधन राज्य को एनर्जी ट्रांजिशन की दिशा में अग्रणी बनाने में सक्षम हैं. निश्चय ही अक्षय ऊर्जा संभावना का बेहतर प्लानिंग करके झारखंड नेट-जीरो टारगेट और ग्रीन इकोनॉमी की दिशा में आगे बढ़ सकता है.

 

वे बुघवार को टास्कफोर्स – संस्टेनेबल जस्ट ट्रांजिशन, झारखंड सरकार और सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) के विजनरी रिपोर्ट ‘पावरिंग प्रोग्रेस: अनलॉकिंग रिन्यूएबल एनर्जी एंड स्टोरेज पोटेंशियल असेसमेंट इन झारखंड’ के विमोचन कार्यक्रम में बोल रहे थे. 

 

एक मजबूत विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करने की आवश्यकताः अरवा

उद्योग सचिव अरवा राजकमल ने कहा कि अक्षय ऊर्जा सम्भावना का दोहन करने के लिए एक मजबूत विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करने की आवश्यकता है, जिसमें निर्माण, स्थापना, संचालन और रखरखाव आदि को प्राथमिकता दी जाये. राज्य की मौजूदा औद्योगिक एवं एमएसएमई क्षमताओं की क्लीन एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर एवं इकोसिस्टम तैयार करने में बड़ी भूमिका होने वाली है, जिसके लिए निवेश एवं तकनीकी नवोन्मेष भी जरूरी है.

 

सचिव योजना विकास मुकेश कुमार ने कहा कि झारखंड के अप्रयुक्त प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर उपयोग बुनियादी ढांचे और सततशील अर्थव्यवस्था के निर्माण में सहायक होगा. अक्षय ऊर्जा के मामले में अग्रणी बनने के लिए पश्चिमी और दक्षिणी राज्यों की रिन्यूएबल एनर्जी सक्सेस स्टोरीज से सीख लेनी चाहिए.

 

क्लीन एनर्जी ट्रांजीशन की बड़ी भूमिकाः एके रस्तोगी

 

पूर्व आइएफएस एके रस्तोगी ने कहा कि फ्यूचर-रेडी इकॉनमी बनाने में क्लीन एनर्जी ट्रांजीशन की बड़ी भूमिका है. औद्योगिक विस्तार, कूलिंग व डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी नई जरूरतें बढ़ते एनर्जी डिमांड की ओर इशारा करती हैं. यह रिपोर्ट राज्य में ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वच्छ औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र, ग्रीन जॉब्स तथा सामाजिक-आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करेगी, जिससे एनर्जी ट्रांजीशन को गति मिलेगी.

 

अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक रवि रंजन ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव पर्यावरणीय सततशीलता की ओर बदलाव की आवश्यकता को दर्शाते हैं, जहां संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल करके कार्बन फुटप्रिंट को कम करना आर्थिक लाभ और व्यापक सामाजिक हितों के लिहाज से प्राथमिकता होनी चाहिए.

 

वर्तमान में झारखंड में रिन्यूवल एनर्जी है 434 मेगावाट

 

वर्तमान में झारखंड की रिन्यूएबल कैपेसिटी 434 मेगावॉट (7.2%) है. रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 46 गीगावाट रिन्यूएबल क्षमता की संभावना है. इसमें सोलर एनर्जी का सबसे बड़ा योगदान है, जिसकी क्षमता 41 गीगावाट आंकी गयी है.

 

जिसमें 17.2 गीगावाट यूटिलिटी-स्केल सोलर, 6.2 गीगावाट रूफटॉप सोलर, 9.4 गीगावाट एग्रीवोल्टैक्स, 6.2 गीगावाट फ्लोटिंग सोलर और 2 गीगावाट कॉन्सन्ट्रेटेड सोलर पावर (सीएसपी) शामिल हैं. इसके अलावा 4.1 गीगावाट हाइड्रो पावर, 715 मेगावॉट विंड और लगभग 1 गीगावाट बायो एनर्जी (क्रॉप रेजिड्यूज़, फॉरेस्ट बायोमास और म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट से) की पहचान की गयी है.

 

रिपोर्ट की फैक्ट फाइल

● पहला हाई-रेजोल्यूशन स्टडी, जिसमें जिलों और ब्लॉकों में करीब 66 गीगावाट अक्षय ऊर्जा और स्टोरेज क्षमता की संभावना का आकलन.
● करीब 46 गीगावाट की संभावना विभिन्न अक्षय ऊर्जा के तकनीक से और 20 गीगावाट पम्प हाइड्रो एनर्जी स्टोरेज से.
● सोलर एनर्जी में सबसे ज्यादा क्षमता, करीब 41 गीगावाट यूटिलिटी-स्केल, रूफटॉप, फ्लोटिंग, एग्रीवोल्टैक्स और कॉन्सन्ट्रेटेड सोलर पावर से संभावित.
● उच्च क्षमता वाले जिले : गिरिडीह, रांची, गुमला, पश्चिमी सिंहभूम, हज़ारीबाग, पलामू और चतरा.
● राज्य में हरित विकास के लिए इंटीग्रेटेड रिन्यूएबल एनर्जी प्लानिंग की आवश्यकता पर जोर. 

 

Lagatar Media की यह खबर आपको कैसी लगी. नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी राय साझा करें.

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp