Ranchi: झारखंड की 108 आपातकालीन एंबुलेंस सेवा एक बार फिर संकट में है. राज्यभर में संचालित सैकड़ों एंबुलेंसों की तकनीकी स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है, जबकि रखरखाव को लेकर जिम्मेदार कंपनी समान फाउंडेशन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगे हैं.
झारखंड प्रदेश एंबुलेंस कर्मचारी संघ ने चेतावनी दी है कि यदि तत्काल तकनीकी जांच और मरम्मत नहीं कराई गई, तो किसी भी समय बड़ी दुर्घटना हो सकती है. संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीरज तिवारी ने बताया कि कई जिलों में एंबुलेंसों की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि वे मरीजों को सुरक्षित ले जाने योग्य नहीं बची हैं.
गढ़वा जिले के भवनाथपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की एंबुलेंस (संख्या JH01CE 8539) का मामला इसका ताजा उदाहरण है. मरीज को अस्पताल ले जाते समय अचानक वाहन के पिछले पहिये से धुआं निकलने लगा और आग लगने की आशंका बन गई. मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने पानी डालकर स्थिति को संभाला और एक बड़ी दुर्घटना टाल दी.
संघ का कहना है कि यह केवल एक घटना नहीं, बल्कि पूरे राज्य की 108 एंबुलेंस सेवाओं की हकीकत है. नियमित सर्विसिंग, इंजन जांच और टायर रिप्लेसमेंट जैसी बुनियादी प्रक्रियाएं लंबे समय से नहीं की जा रही हैं.
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने कंपनी को कई बार लिखित और मौखिक निर्देश दिए थे कि सभी एंबुलेंसों का तत्काल मेंटेनेंस कराया जाए. लेकिन संघ का आरोप है कि कंपनी लगातार इन आदेशों की अवहेलना कर रही है और विभाग ने अब तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की है.
संघ के मुताबिक, मेंटेनेंस की लापरवाही का सीधा असर आपातकालीन सेवाओं पर पड़ रहा है. कई जिलों में एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंच पा रही हैं. कई मामलों में तीन से पांच घंटे की देरी से मरीजों की जान तक जा चुकी है. संघ ने सरकार से मांग की है कि समान फाउंडेशन के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच कर तुरंत कार्रवाई की जाए और सभी एंबुलेंसों का तकनीकी निरीक्षण कराया जाए.
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