Search

झारखंड में कुड़मी समाज का आंदोलन: रेलवे ट्रैक जाम, 69 ट्रेनें प्रभावित, यात्री हलकान

Ranchi : झारखंड में कुड़मी समाज के लोग अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं. इस आंदोलन के तहत शनिवार को रेलवे ट्रैक जाम कर दिया गया, जिससे कई ट्रेनें प्रभावित हुई हैं. 

Uploaded Image

आंदोलनकारियों ने ग्रैंड कॉर्ड लाइन पर ट्रैक जाम किया, जिससे दिल्ली और कोलकाता के बीच चलने वाली कई ट्रेनें प्रभावित हुई हैं. आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने मुरी रेलवे स्टेशन पर मोर्चा संभाला. वहीं, गिरिडीह सांसद और पूर्व विधायक लंबोदर महतो ने जागेश्वर रेलवे स्टेशन पर मोर्चा संभाला. इस आंदोलन को विधायक जयराम महतो ने भी समर्थन दिया है.

 

69 ट्रेनें हुई हैं प्रभावित

•    आंदोलन के कारण पूर्व रेलवे और दक्षिण पूर्व रेलवे की 69 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं.
•    22 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं.
•    13 ट्रेनें डायवर्ट की गई हैं.
•    17 ट्रेनों का आंशिक समापन और आंशिक प्रारंभ किया गया है.
•    17 ट्रेनें अन्य स्टेशनों से चलाई जा रही हैं.

 

क्या है आंदोलन की वजह

एसटी दर्जे की मांग: कुड़मी समाज लंबे समय से एसटी दर्जे की मांग कर रहा है. उनका तर्क है कि उनकी संस्कृति और परंपराएं आदिवासी समुदायों के समान हैं. यह आंदोलन साल 2022 में जोर पकड़ने लगा था, जब राज्य के कई रेलवे स्टेशनों पर प्रदर्शन हुआ था. तब से यह आंदोलन कई बार तेज हुआ है, लेकिन चुनावों के कारण पिछले साल यह शांत रहा.

 

क्या है ट्रेनों की वर्तमान स्थिति

•    धनबाद मंडल की कई ट्रेनें प्रभावित हुई हैं.
•    कई ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं, जिनमें हटिया-बर्धमान मेमू एक्सप्रेस और बरवाडीह-गोमो पैसेंजर ट्रेन शामिल हैं.
•    कुछ ट्रेनों को डायवर्ट किया गया है, जिनमें जम्मूतवी टाटा एक्सप्रेस शामिल है, जिसे लोहरदगा रूट से डायवर्ट किया गया है.
•    कुछ ट्रेनें देर से चल रही हैं, जिनमें धनबाद-आलप्पुझा एक्सप्रेस शामिल है, जो अपने निर्धारित समय से 7 घंटे देर से चलेगी.

 

अलर्ट मोड में प्रशासन

आंदोलन के मद्देनजर पुलिस और प्रशासन हाई अलर्ट पर हैं. कई रेलवे स्टेशनों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं. प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए है और आंदोलनकारियों से बातचीत का प्रयास कर रहा है.

 

आंदोलनकारी अड़े हैं अपनी मांग पर

आंदोलनकारियों ने अभी तक अपनी अगली रणनीति के बारे में कुछ नहीं बताया है, लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. सरकार ने अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन माना जा रहा है कि सरकार आंदोलनकारियों से बातचीत कर सकती है.

Lagatar Media की यह खबर आपको कैसी लगी. नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी राय साझा करें.

 

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp