Ranchi : सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड के केमिस्ट्री वाले डॉ. सौमेन डे को झारखंड साइंस, टेक्नोलॉजी व इनोवेशन काउंसिल (JCSTI) ने 5.68 लाख रुपये की रिसर्च फंडिंग पकड़ा दी है.
आइडिया सीधा-सपाट है
मछली काटने के बाद बची स्केल (शल्क) को काम की चीज में बदलो और उससे गंदा पानी झटपट साफ करो. झारखंड में मछली खूब पकती है, स्केल का ढेर लगता है, तो ये वेस्ट-टू-वेल्थ फॉर्मूला सीधे यहीं लागू होगा. प्रोजेक्ट चल निकला तो लोकल इंडस्ट्री भी जॉब बना सकती है.
कुलपति प्रो. क्षिति भूषण दास का कहना है कि यही तो हमारा मकसद है - झारखंड की दिक्कतों का देसी हल खोजना. फिलहाल यूनिवर्सिटी में 27.5 करोड़ के प्रोजेक्ट्स पर काम हो रहा है. डॉ. डे IIT-कानपुर से पीएचडी हैं, 2011 से CUJ में पढ़ा रहे हैं. 74 रिसर्च पेपर लिख चुके हैं, कई अवॉर्ड बटोर चुके हैं. पहले भी SERB वाला एक ग्रांट मिल चुका है.