Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट द्वारा सीजीएल 2023 परीक्षा का परिणाम जारी करने की अनुमति देने के बाद राजनीतिक माहौल में नई हलचल तेज हो गई है. अदालत ने स्पष्ट कहा कि मामला सीबीआई जांच के योग्य नहीं है और एसआईटी की निगरानी में ही जांच आगे बढ़ेगी. इस निर्णय को झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बड़ी राहत और पारदर्शिता की जीत बताया है.
झामुमो महासचिव विनोद पांडेय ने कहा कि अदालत का फैसला भाजपा द्वारा फैलाए गए भ्रम और अफवाहों को बेनकाब करता है. उनके अनुसार, भाजपा ने पेपर लीक का मुद्दा उठाकर युवाओं को गुमराह किया और भर्ती प्रक्रिया को बदनाम करने की कोशिश की, जिसका अदालत में कोई आधार नहीं मिल सका.
सरकार की ओर से शुरुआत से दावा किया गया था कि प्रक्रिया पारदर्शी है और किसी तरह की अनियमितता नहीं हुई है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस बयान नेक इरादा हो तो चौतरफा सफलता मिलती है की भी यह फैसला पुष्टि करता है. हजारों परीक्षार्थियों का परिणाम अब जारी होने वाला है, जिससे युवाओं में उत्साह है. झामुमो ने इसे युवाओं के हक और सुशासन की जीत बताया है और भाजपा से माफी मांगने की मांग की है.
Lagatar Media की यह खबर आपको कैसी लगी. नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी राय साझा करें.



Leave a Comment