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मानवाधिकार दिवस पर जोहार रांची ने की गोष्ठी

  • संगठन झारखंडियों के संवैधानिक अधिकारों के लिए लंबे समय से संघर्षरत है- रतन तिर्की

Ranchi : विश्व मानवाधिकार दिवस पर जोहार रांची ने सत्य भारती सभागार में गोष्ठी आयोजित की. गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि झारखंड में आदिवासी समुदाय के सामुदायिक मानवाधिकारों का बड़े पैमाने पर हनन जारी है.

 

जोहार रांची के कन्वीनर रतन तिर्की ने बताया कि संगठन झारखंडियों के संवैधानिक अधिकारों के लिए लंबे समय से संघर्षरत है. उन्होंने कहा कि जोहार चाईबासा और जोहार रांची ने विधिक जागरुकता अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

 

प्रभाकर तिर्की ने कहा कि पेसा कानून, वनाधिकार कानून और पांचवीं अनुसूची का प्रभावी लागू न होना, आदिवासी समाज के मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है.


मौके पर जोहार के सदस्य प्रभाकर तिर्की, विनीत मुंडू, अंतोनी केजे, जोय बाखला, अकई झरिया मिंज, प्रीति तिर्की, अधिवक्ता सिलंवती कुजूर, अधिवक्ता मुक्ता मरांडी, प्रेम मार्डी, पंकज कुजूर और सेंट जेवियर्स कॉलेज के छात्र-छात्राएं शामिल हुए.

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