Lagatar Desk : स्मार्ट फोन ने संचार साथी ऐप इंस्टॉल करने के मामले में विवाद बढ़ने के बाद केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सफाई दी है. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2 दिसंबर को संसद भवन के बाहर पत्रकारों से बातचीत में संचार साथी ऐप को पूरी तरह वैकल्पिक बताया और कहा कि यह किसी प्रकार की जासूसी या कॉल मॉनिटरिंग का माध्यम नहीं है.
इसके कुछ ही समय बाद सोशल मीडिया पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को झूठा बताया जाने लगा है. लोगों ने दूर संचार विभाग (DOT) का 28 नवंबर को जारी आदेश की कॉपी शेयर की. जिसके मुताबिक, स्पष्ट रूप से ऐप को "नॉन-रिमूवेबल" (गैर-हटाने योग्य) बनाने का निर्देश मोबाइल कंपनियों को दिया गया है. दूर संचार विभाग का आदेश और मंत्री का बयान दोनों में विरोधाभास है. गुमराह करने वाला है.

28 नवंबर को जारी आदेश के मुख्य बिंदु
- DoT ने टेलीकॉम साइबर सिक्योरिटी रूल्स 2024 के तहत आदेश जारी किया है.
- सभी नए स्मार्टफोन्स (भारत में निर्मित या आयातित) में संचार साथी ऐप प्री-इंस्टॉल होना अनिवार्य होगा.
- 90 दिनों (मार्च 2026 तक) में इसे लागू करना होगा, पुराने फोन्स में सॉफ्टवेयर अपडेट से जोड़ा जाएगा.
- ऐप "readily visible and accessible" होना चाहिए और "functionalities are not disabled or restricted" यानी यूजर्स इसे डिसेबल या हटा नहीं सकते.
- इसका उद्देश्य IMEI सत्यापन, चोरी के फोन ब्लॉक करने, फ्रॉड रिपोर्टिंग दर्ज करना है.
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