New Delhi : केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज बुधवार को लोकसभा में संचार साथी ऐप से जुड़े विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए बताया कि इस ऐप का इस्तेमाल जासूसी के लिए नहीं किया जा सकता. यह जन भागीदारी की दिशा में बढाया गया एक कदम है. लोगों को आपत्ति नहीं, बल्कि इसका स्वागत करना चाहिए.
सिंधिया ने सभी नये मोबाइल सेटों में साइबर सुरक्षा के लिहाज से इस ऐप को प्रीलोड करने के सरकार के निर्देश पर उठे विवाद के बीच लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सफाई दी
संचार मंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि यह तब तक निष्प्रभावी रहेगा जब तक कोई यूजर इसे रजिस्टर नहीं करेगा. कहा कि केवल ऐप के फोन में रहने का मतलब यह नहीं कि वह एक्टिव हो जायेगा. यह पूरी तरह से यूजर्स पर निर्भर करता है कि वह इसे रजिस्टर करे या न करे. इस ऐप के आधार पर जासूसी संभव नहीं है.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विपक्ष को विश्वास दिलाने की कोशिश की कि सरकार लोगों की प्राइवेसी कायम रखने के प्रति प्रतिबद्ध है. कहा कि उपयोगकर्ताओं का इस(ऐप) पर पूरा नियंत्रण है.
मंत्री ने कहा कि इसका लक्ष्य देश के नागरिकों को धोखाधड़ी और चोरी से बचाना है. यह ऐप यूजर्स को फर्जी IMEI नंबरों की पहचान करने, धोखाधड़ी वाले कनेक्शन की रिपोर्ट करने सहित खो गये या चोरी हो गये मोबाइल उपकरणों का पता लगाने की अनुमति प्रदान करता देता है.
मामला यह है कि संचार मंत्रालय ने 28 नवंबर को सभी मोबाइल फोन निर्माता कंपनियों को आदेश जारी किया था कि भारत में बिकने वाले सभी नये मोबाइल फोन संचार साथी ऐप पहले से इंस्टॉल होने चाहिए.
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