#WATCH | Bengaluru, Karnataka | On Priyank Kharge's letter to CM, Karnataka Legislative Council LoP & BJP Leader, Chalavadi Narayanaswamy says, "He has always been an opponent of RSS... RSS is not a political outfit... People love RSS because they are all patriots. They are… pic.twitter.com/PEOyHLTKZz
— ANI (@ANI) October 17, 2025
कहा गया है कि नये नियम दो-तीन दिन में लागू हो जायेंगे. नये नियमों के अनुसार सार्वजनिक जगहों, सड़कों और सरकारी परिसरों में बिना अनुमति पथ संचलन, RSS की शाखा लगाने पर प्रतिबंध रहेगा. सभी संगठनों के लिए सार्वजनिक स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है.
भाजपा नेताओं ने कहा कि वे प्रतिबंध को नहीं मानते. कहा कि आरएसएस के कार्यक्रम पहले की तरह आयोजित किये जाते रहेंगे. भाजपा नेताओं की चुनौती का जवाब देते हुए प्रियांक खड़गे ने शुक्रवार को कहा कि अगर नियमों का पालन नहीं किया गया तो कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
सिद्धारमैया सरकार ने वर्ष 2013 का एक सर्कुलर जारी किया है. यह तत्कालीन भाजपा सरकार ने जारी किया था. इस सर्कुलर में कहा गया था कि स्कूलों और उनसे जुड़े खेल मैदानों का उपयोग केवल शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए ही किया जा सकता है.
आईटी मंत्री प्रियांक खड़गे ने सीएम को पत्र लिख कर आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. खड़गे ने आरोप लगाया था कि आरएसएस द्वारा सरकारी व अनुदानित स्कूलों सहित सार्वजनिक मैदानों में शाखाएं चलाई जा रही है. शाखा में बच्चों और युवाओं के मन में नकारात्मक विचार भरे जा रहे हैं.
प्रियांक खड़गे की मांग को लेकर कर्नाटक विधान परिषद में विपक्ष के नेता और भाजपा नेता नारायणस्वामी ने कहा, वह(प्रियांक) हमेशा से आरएसएस के विरोधी रहे हैं. उन्होंने कहाकि आरएसएसराजनीतिक संगठन नहीं है. लोग आरएसएस से प्यार करते हैं क्योंकि वे सभी देशभक्त हैं. आरएसएस भारतीय संस्कृति को मजबूत करने के लिए काम में लगा हुआ है.
प्रियांक खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर 2013 का एक सर्कुलर साझा करते हुए लिखा, क्या भाजपा को अपनी ही सरकार के निर्णय की जानकारी नहीं है? या फिर यह RSS पर लागू नहीं होता?
सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र सिद्धारमैया ने 14 अक्टूबर को पर बैन लगाने की मांग की थी. कहा था कि आरएसएस की मानसिकता तालिबान जैसी है. कहा था कि आरएसएस को कानून के तहत लाना चाहिए. सीएम सिद्धारमैया ने भी आरोप लगाया था कि आरएसएस अपनी शाखाएं सरकारी परिसरों में लगा रहा है.
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